सरकार के इस फैसले का मंच ने किया विरोध,
आगे रणनीति बनाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी की बुलाई बैठक
हरियाणा सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे शैक्षिक सत्र से पहले बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर लगाया गया नियम 134ए हटा लिया है। इस बारे में बुधवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह नियम आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) मेधावी छात्रों के लिए फायदेमंद था। गरीब छात्रों के लिए यह बड़ा झटका है। अब गरीब छात्रों का प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। सरकार के इस फैसले का जहां निजी स्कूलों ने स्वागत किया है वहीं दूसरी ओर हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसका कड़ा विरोध किया है और सरकार के इस फैसले के खिलाफ आगे क्या रणनीति बनाई जाए इसके लिए अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। मंच ने प्रत्येक जिले के अपनी मंच जिला इकाई से कहा है कि वे सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध करें और मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर अपना विरोध दर्ज कराएं। दरअसल 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में 10 पर्सेंट सीटों पर इस वर्ग से संबंधित बच्चों को प्रवेश मिलता था। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में 134a खत्म करने का जिक्र किया था लेकिन इसके साथ साथ यह भी कहा था कि अब प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून आरटीई के तहत गरीब व पिछड़े परिवारों से 25% छात्रों का निशुल्क दाखिला कराया जाएगा। मंच का कहना है कि स्कूली शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से बुधवार को जारी की अधिसूचना यह तो कहा गया है कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 में से नियम 134A को हटा दिया गया है। पर कहीं यह नहीं लिखा गया है कि 1अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र में ही शिक्षा अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों का दाखिला कराया जाएगा, इसका कोई जिक्र नहीं है। इससे अभिभावक अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा, प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि 134a के तहत सभी कक्षाओं में 10% दाखिला कोटे में गरीब बच्चों को दाखिला देने का प्रावधान था जब कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, (RTE Act) की धारा 12(1)(सी) के तहत निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 25% सीटों का आरक्षण अनिवार्य है। हालांकि यह आरक्षण केवल आठवीं कक्षा तक लागू होता है। इतना ही नहीं RTE में सिर्फ नर्सरी केजी व पहली कक्षा में ही गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिला दिलाने का प्रावधान है जिनको आठवीं तक निशुल्क पढ़ाना होता है। आठवीं के बाद उनको वही फीस देनी होगी जो दूसरे बच्चे देंगे।
हरियाणा सरकार के नियम 134ए को हटाने के निर्णय से जहां निजी स्कूलों को बड़ी राहत मिली है। वहीं ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए यह आदेश बड़ा झटका है।
मंच ने सभी अभिभावकों से कहा है कि वे सरकार के इस फैसले का सड़कों पर उतर कर पुरजोर विरोध करें। मंच उनके साथ है।