Faridabad/Atulya Loktantra : राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अध्यक्षता में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से विश्व ओजोन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता व जेआरसी तथा एसजेएबी प्रभारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि ओज़ोन परत के महत्व को ध्यान में रखते हुए पिछले दो दशक से इसे बचाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। लेकिन 23 जनवरी, 1995 को यूनाइटेड नेशन की आम सभा में पूरे विश्व में इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। उस समय लक्ष्य रखा गया कि पूरे विश्व में 2010 तक ओज़ोन फ्रेंडली वातावरण बनाया जाए। हालांकि अभी भी लक्ष्य दूर है लेकिन ओज़ोन परत बचाने की दिशा में विश्व ने उल्लेखनीय कार्य किया है।
ओज़ोन परत को बचाने की कवायद का ही परिणाम है कि आज बाज़ार में ओज़ोन फ्रेंडली फ्रिज, कूलर आदि आ गए हैं। इस परत को बचाने के लिए ज़रूरी है कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम हो। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि धरती पर जीवन को पनपने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा है।
इतिहास और भूगोल के अध्ययन से यह साफ़ है कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति के लिए काफ़ी लंबा समय तय करना पड़ा है। लेकिन जो चीज़ इंसान को कड़ी मेहनत और प्रकृति से फलस्वरूप मिली है उसे आज खुद इंसान ही मिटाने पर लगा हुआ है। लगातार प्रकृति के कार्यों में हस्तक्षेप कर इंसान ने खुद को प्रकृति के सामने ला खड़ा किया है जहां प्रकृति उसका विनाश कर सकती है।
जंगलों, वनों की कटाई कर असंतुलन पैदा किया जा रहा है। गाड़ियों ने हवा को प्रदूषित कर दिया है तो वहीं उस जल को भी इंसान ने नहीं बख्शा जिसकी वजह से धरती पर जीवन संचालित होता है। प्रौद्योगिकी के इस युग में इंसान हर उस चीज़ का हरण कर रहा है जो उसकी प्रगति की राह में रोड़ा बन रही है। इसी तरह इंसान ने अपने आराम और सहूलियत के लिए उस ओज़ोन परत को भी नष्ट करने की ठान ली है जो उसे सूर्य से निकलने वाली खतरनाक पराबैगनी किरणों से बचाती है।
दिनोंदिन बढ़ रही औद्योगिक गतिविधियों के कारण आज हमारे जीवन को बचाने वाली ओज़ोन परत को खतरा पैदा हो गया है। इस अवसर पर बच्चों ने सुंदर स्लोगन लिखकर ओजोन परत के क्षरण को बचाने के लिए जागरूक किया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कार्यकारी अभियंता रामनिवास शर्मा और नरेन्द्र हुडडा ने सभी बच्चों को जूट के बैग भी वितरित किए तथा बच्चों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित किया गया।
प्राचार्या नीलम कौशिक, रविन्द्र कुमार मनचन्दा, रामनिवास शर्मा, नरेन्द्र हुडडा, बांके बिहारी गोस्वामी, रूप किशोर शर्मा, विनोद बैंसला, सुनील नागर सहित अन्य प्राध्यापकों ने भी पौधरोपण करने और डिस्पोजेबल पलास्टिक से परहेज़ करने की जरूरत पर बल दिया।