Faridabad/Atulya Loktantra : राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेड क्रॉस और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अध्यक्षता में आज बच्चों को एक विशेष अभियान चला कर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से सचेत किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता और जे आर सी व एस जे ए बी प्रभारी रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि इस मौसम में साफ जमा पानी में और यहां तक कि कई बार घर में रखे पानी के बर्तनों में डेंगू फैलाने वाले मच्छर अंडे दे देते हैं, जो बेहद खतरनाक होता है। घर में पीने के पानी और बर्तनों को ढककर रखें और प्रतिदिन बदलते रहें। डेंगू बुखार होने पर मरीज को ठंड लगने के साथ ही अचानक तेज बुखार आ जाता है।
Symptoms Of Chikungunya & Malaria – Know The Difference
इस बुखार में मरीज के सिर में दर्द बना रहता है और इसके साथ ही मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होने की समस्या भी होती है। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने आगे बताया कि एक और बुखार चिकनगुनिया, वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान आम तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों में से एक है। यह बीमारी मनुष्यों में, चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण होती है। ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर वे हैं जो वायरस लेकर आते हैं।
Symptoms Of Chikungunya & Malaria – Know The Difference
विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों के बारे में कहता है कि अचानक बुखार, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सरदर्द, नोसिया, थकान, रैशेस आदि चिकनगुनिया के लक्षण है। इस वके अलावा इस मौसम में मलेरिया भी तेजी से फैलता है। मनचन्दा ने बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि मलेरिया मच्छरों द्वारा फैलाया गया खतरनाक रोग है। यह प्लासमोडियम नामक पैरासाइट से उत्पादित होता है। मच्छरों से आदमी तक आने के लिए एक एनोफेलीज मच्छर का काटना ही काफी होता है। काटे गये इंसान के खून में जा कर यह पैरासाइट बढ़ने लगता है। यह शरीर के रेड ब्लड सेल्स को नष्ट करने लगता है।
शुरुआत में ही पकडे जाने से मलेरिया का इलाज आसानी से हो सकता है। बचाव मलेरिया के खिलाफ एक बहुत ही जरूरी हथियार है। बचाव में जुड़े हुए दो महत्वपूर्ण तत्व है – मच्छरों के काटने से बचाव और बचाव के लिए दवा। बच्चों ने सुंदर पोस्टर्स बना कर मच्छरों से बचे रहने का संदेश दिया। प्राचार्या नीलम कौशिक, रविन्द्र कुमार मनचन्दा, प्रज्ञा मित्तल, विनोद बैंसला सहित अन्य प्राध्यापकों ने जेआरसी व एसजेबी के डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से सचेत करने के अभियान की सराहना की।