डीएलएसए की ओर से पलवल, होडल व हथीन की अदालतों में लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत

Deepak Sharma

डीएलएसए की ओर से पलवल, होडल व हथीन की अदालतों में लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत

पलवल ( अतुल्य लोकतंत्र ): मुकेश बघेल/ जिला की अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन पुनीश जिंदिया के मार्गदर्शन तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं डीएलएसए के सचिव कुनाल गर्ग के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटारा करने के लिए जिला अदालत पलवल, उपमंडल होडल एवं हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई। इन लोक अदालतों में कुल 3 हजार 944 केसों में से 2 हजार 445 केसों का मौके पर ही निपटारा किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला न्यायिक परिसर पलवल में सभी मामलों के निपटान के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभिषेक फुटेला, प्रधान पारिवारिक न्यायधीश कुबुद गुगनानी, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंकिता शर्मा, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट विकास वर्मा एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट मीता कोहली की न्यायिक पीठें बैठाई गईं।

इसी प्रकार उपमंडल होडल न्यायिक परिसर में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट दीपक की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बैठाया गया। इसी क्रम में हथीन न्यायिक परिसर में न्यायाधीश पवन की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाने के लिए बैठाया गया। इसके अलावा चेयरमैन पब्लिक यूटिलिटी सर्विस एवं परमानेंट लोक अदालत वी.पी. पाठक के द्वारा भी प्री-लिटिगेटेड मुकदमों का निपटारा किया गया। इन सभी न्यायिक पीठों में अधिवक्ता फुलवास डागर, अधिवक्ता महिपाल बघेल, अधिवक्ता वैभव कौशिक, अधिवक्ता अमित कुमार, अधिवक्ता महेशचंद्र, अधिवक्ता संदीप कुमार और अधिवक्ता टेकचंद बतौर सदस्य पीठ शामिल हुए।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुनाल गर्ग ने पलवल न्याय परिसर की राष्ट्रीय लोक अदालत में गठित की गई सभी बैंचों का अवलोकन किया। सीजेएम श्री गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्टï्रीय लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यही है कि आपसी सहमति से लंबित केसों का अधिक से अधिक निपटान किया जा सके। इससे केस के दोनो पक्षों तथा अदालत के समय की भी बचत होती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व मामले आदि को रखा गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में इन विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए, जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में 62 पारिवारिक मामलों में से 37 मामलों को सहमति से निपटाया गया। फौजदारी के 624 मामलों में से 287 मामलों का निपटारा हुआ। चैक बाउंस के 320 केसों में से 54 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। वाहन दुर्घटना के 91 मामलों में से 35 मामलों का निपटान किया गया। बैंक वसूली के सभी 327 मामले निपटाए गए। अन्य दीवानी मामलों में 749 केसों में से 619 मामले निपटाए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के 760 मामलों की भी सुनवाई की गई।

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