Faridabad/Atuly Loktantra : शहरवासियों को जागरूक करने के लिए डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य मकसद लोगों में अजरौंदा स्थित पीएनजी शवदाह गृह को लेकर जागरुकता लाना था। बैठक को संबोधित करते हुए मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने बताया बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को बचाने के लिए डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन की ओर से 2018 में फरीदाबाद के पहला पीएनजी शवदाह गृह स्थापित किया गया था, लेकिन जागरुकता की कमी होने के कारण लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने बताया पीएनजी श्मशान प्रणाली द्वारा शव का संस्कार करते समय पारंपरिक अनुष्ठान अभी भी किया जा सकता है। इसके आलावा गैस आधारित दहन तुलना में जल्दी हो जाता है और डेढ़ घंटे के भीतर ही अस्थियां भी दे दी जाती हैं। शहदाह गृह में आधुनिक कैमरे भी लगाए हैं और परिजन इसे लाइव भी देख सकते हैं।
बैठक में मौजूद रहे आरडब्लूयए, मंदिर और गुरुद्वारा प्रधानों ने भी अपनी-अपनी राय रखी। डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि, सभी की ओर से दी गई राय का ध्यान रखा जाएगा, ताकि आम लोगों तक यह बात पहुंच सके।
अहमदाबाद की जिस कंपनी की ओर से पीएनजी शवदाह गृह स्थापित किया गया है, उनकी ओर से एक खास सेशन रखा गया। इस दौरान एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें यह जानकारी दी गई कि यह शवदाह गृह किस तरह काम करता है। उन्होंने यह भी बताया कि अहमदाबाद, जाम नगर, पोरबंदर और राजस्थान के कोटा के करीब 90 प्रतिशत लोग इस प्रणाली को अपना चुके हैं।
बैठक में मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला, डीजी डॉ. एनसी वाधवा, ट्रस्टी डॉ. एमएम कथूरिया, आरके बंसल, ममता वाधवा, वैशाली माथुर समेत कई लोग मौजूद रहे।