Faridabad/Atulya Loktantra : फ़रीदाबाद के लिए यह गौरव का क्षण था जब एक के बाद एक तीन स्कूलों को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए दिल्ली के होटल ताज पैलेस में सम्मानित किया गया । ये स्कूल हैं स्वर्गीय डॉ एस डी जैन द्वारा स्थापित किया गया मॉडर्न स्कूल समूह, स्वर्गीय बिमला वर्मा द्वारा स्थापित डाइनेस्टी इंटरनेशनल स्कूल, स्वर्गीय गोपाल शर्मा द्वारा स्थापित किया गया मॉडर्न विद्या निकेतन समूह, स्वर्गीय गौतम देव द्वारा स्थापित सैंट अलबंस स्कूल, स्वर्गीय डॉ ओ पी भल्ला द्वारा स्थापित मानव रचना एजुकेशनल समूह, स्वर्गीय केएलमेहता और स्वर्गीय बिमला मेहता द्वारा स्थापित केएलमेहता ग्रुप ऑफ इंस्टिटूशंस और स्वर्गीय जैनेन्द्र कुमार जैन द्वारा स्थापित दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर फ़रीदाबाद। यह सम्मान इन स्कूलों को हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया ।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने ‘सब के लिए शिक्षा’ के सरकारी नारे को पूरा करने की दिशा में निजी स्कूलों के सहयोग का ज़िक्र करते हुए कहा, “इन निजी स्कूलों को हम सरकार का विरोधी नहीं बल्कि अपना साथी मानते हैं क्योंकि सरकार के सबके लिए शिक्षा के चुनौतीपूर्ण उद्देश्य को पूरा करने में इन स्कूलों का सहयोग नकारा नहीं जा सकता।‘ उन्होने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये निजी स्कूल वास्तव में सरकारी स्कूलों के लिए एक मॉडल हैं जिसे आदर्श मानकर हमें अपने सरकारी स्कूलों को आगे बढ़ाना है।
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फरेंस (HPSC) ने गुरुवार को दिल्ली के होटल ताज पैलेस में पहला वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में पूरे हरियाणा के शिक्षाविदों और पेशेवरों के अलावा, उद्योग और अन्य क्षेत्रों के लोगों ने भी भाग लिया।
एचएसपीसी के अध्यक्ष एस.एस.गोसाईं ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य उन महत्वपूर्ण बिंदुओं को सामने रखना है, जिन्हें हरियाणा की शिक्षा नीति में शामिल करने की आवश्यकता है।
एचपीएससी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्नल प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार सम्मेलन के अधिकांश सुझावों को शामिल करने में सकारात्मक है, आरटीई और धारा 134 के मॉड्यूल को व्यावहारिक पहलुओं के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता है। कर्नल प्रताप ने शिक्षा विभाग में क्रांतिकारी सुधारों की प्रशंसा की । लेकिन साथ ही उन्होने शिक्षा विभाग में निचले स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार की ओर भी इंगित किया ।
सुरेश चंदर, एचएसपीसी के फ़रीदाबाद चैप्टर के उपाध्यक्ष ने बताया कि इस सम्मेलन में लगभग 500 शिक्षाविदों ने भाग लिया । उन्होंने कहा कि पहले एचएसपीसी केवल जिला स्तर पर वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया करता था। लेकिन क्योंकि अधिकतर मुद्दे समान ही हैं इसलिए इस वार्षिक आयोजन को दिल्ली में किया गया है । दिल्ली में यह आयोजन करने का एक कारण यह भी था कि यहाँ केंद्रीय और हरियाणा के सरकारी नुमाइंदे भी इसमें शिरकत कर सकें ।
एचपीएससी के महासचिव दीपिन राव ने कहा कि हरियाणा की शिक्षा नीति में कुछ बिंदुओं को संशोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जहां अन्य राज्य आधे एकड़ के भूखंड पर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक स्कूल की मान्यता की अनुमति देते हैं, वहीं हरियाणा की नीति में स्कूल शुरू करने के लिए कई एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसके लिए न केवल मल्टी करोड़ की जरूरत होगी, बल्कि एक बार में माध्यमिक स्तर तक स्कूल शुरू करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नियमों में स्कूलों के ऊर्ध्वाधर विस्तार को शामिल करने की आवश्यकता है। कई दंडात्मक चर्चाओं में फैले पैनलिस्ट न केवल शिक्षाविदों के बल्कि बच्चे के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के हर पहलू पर चर्चा करते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित कंवर पाल गुर्जर शिक्षा मंत्री हरियाणा राष्ट्रपति एचएसपीसी एस.एस.गोसाईं ने मंत्री की एकत्रित ताकत की जानकारी दी जिसके बाद सुरेश चंदर ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के सामने आने वाली समस्याओं को साझा किया।
मंत्री ने अपने संबोधन में राज्य में शिक्षा के प्रसार में निजी शिक्षण संस्थानों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि निजी संस्थान शिक्षा के प्रसार में सरकार के साथ एक भागीदार हैं। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित छुट्टियों की अचानक घोषणा के बारे में उठाए गए बिंदु पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एचपीएससी के सोवेनिर का विमोचन भी किया गया । उपस्थित शिक्षाविदों में राजदीप सिंह, विजयलक्ष्मी शर्मा, अनिल रावल, ममता वधवा, नरेंद्र परमार आदि शामिल रहे । वक्ताओं में डॉ बिस्वजीत साहा निदेशक प्रशिक्षण और कौशल शिक्षा सीबीएसई, गुरुचरण दास प्रसिद्ध लेखक, रक्षित टंडन, राज नेहरू कुलपति श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हरियाणा, एयर वाइस मार्शल एलएन शर्मा, एवीएसएम, राजेश चावला चेयरमैन आईएएमसॉफ इंडिया, डॉ जितेंद्र नागपाल मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, किशोर अस्थाना, डॉ सत्यम भारद्वाज नियंत्रक परीक्षा सीबीएसई, मंजीत सिंह खेल नीति सीबीएसई विभाग ने अपने विचार रखे।