Faridabad/Atulya Loktantra : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के वार्षिक सांस्कृतिक एवं तकनीकी उत्सव ‘एलीमेंट्स कलमायका-2019’ के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक को दर्शाता ‘रंगरीति’ इवेंट सब के आकर्षण का केन्द्र रहा। संगीत की धुन पर रैंप पर चहल-कदमी करते विद्यार्थियों ने न सिर्फ भारतीय पारम्परिक वेशभूषा को खूबसूरत ढंग से प्रदर्शित किया, बल्कि प्रोफेशन मॉडल्स की तरह नजर आये। इस शो में विद्यार्थियों द्वारा पहनी गये परिधान विशेष रूप से डिजाइन किये गये थे। सभी ने शो और परिधानों काफी पसंद किया गया। इसके अलावा, विद्यार्थियों द्वारा वेस्टर्न डांस व ग्रुप सांग्स की प्रस्तुति भी दी गई। विद्यार्थियों ने फन गेम्स में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रतिभा प्रदर्शन का बेहतरीन मंच है कलमायका: कुलपति प्रो. दिनेश कुमार
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार उत्सव के दौरान विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न प्रोजेक्ट्स देखे और विद्यार्थियों का हौसला भी बढ़ाया। विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए उन्होंने ने कहा कि कलमायका एक ऐसा मंच है जो विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के अनुरूप क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के कम ही मौके आते है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे है।
भारतीय सेना को समर्पित आर्मी स्टैच्यू
मैकनेक्टस क्लब के विद्यार्थियों ने स्क्रैप आर्ट से आर्मी स्टैच्यू बनाया है, जोकि सभी को काफी आकर्षित कर रहा है। भारतीय सेना को समर्पित इस स्टैच्यू में भारतीय सेना के आधुनिकीकरण तथा ताकत को दिखाया गया है। इसके अलावा, क्लब द्वारा बनाये गये आल टेरेन व्हीकल्स को भी प्रदर्शित किया गया।
‘डीजे नाइट’ ने भी खूब जमाया रंग
संगीत को खास ढंग से प्रस्तुत करने की अपनी कला के कारण युवाओं के पसंदीदा डीजे ‘एमकेशिफ्ट’ ने कलमायका उत्सव को अपनी प्रस्तुति से एक नये मुकाम तक पहुंचाया। अब तक की सबसे बेहतरीन प्रस्तुतियांे में से एक डीजे नाइट का इंतजार विद्यार्थियों को थी और उन्होंने इसका पूरा लुत्फ उठाया। संगीत की धुन पर मौज, मस्ती और धमाल – कुल मिलाकर कलमायका की सांस्कृतिक संध्या का दूसरा दिन ऐसा ही रहा।