हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट्स का ऐलान कर दिया है। इन 10 में से 6 उम्मीदवारों का बैकग्राउंड कांग्रेस से है।
इनमें से नवीन जिंदल और रणजीत चौटाला को तो पार्टी ज्वाइन करने के घंटेभर में टिकट दे दी गई। सिरसा सीट से प्रत्याशी बनाए गए अशोक तंवर को भी भाजपा का दामन थामे बमुश्किल 2 महीने हुए हैं।
भाजपा ने कांग्रेस बैकग्राउंड वाले जिन 6 नेताओं पर भरोसा जताया है, उनमें सबसे चौंकाने वाला नाम नवीन जिंदल का है। BJP ने वर्ष 2009 से 2014 तक केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुआई वाली UPA-2 सरकार पर कोयला घोटाले को लेकर जमकर हमला बोला था। तब मनमोहन सिंह के साथ-साथ नवीन जिंदल भी उसके निशाने पर रहे, लेकिन 10 साल बाद अचानक सब कुछ बदल गया।
दरअसल, हरियाणा में भाजपा के टिकट वितरण का एनालिसिस करें तो पार्टी की स्ट्रैटेजी साफ हो जाती है। पार्टी हर साल में जिताऊ उम्मीदवार पर ही दांव लगाना चाहती थी, फिर चाहे वह पार्टी के अंदर हो या किसी दूसरे दल में।
सिरसा-रोहतक सीट पर BJP की स्थिति शुरू से कमजोर थी, वहीं कुरुक्षेत्र में नायब सिंह सैनी के बाद पार्टी में चेहरे का अकाल सा नजर आया। बागड़ बेल्ट में आने वाली हिसार सीट पर बृजेंद्र सिंह के बाद पार्टी को ऐसा जाट चेहरा चाहिए था जिसकी स्वीकार्यता हो। रणजीत चौटाला इस खाके में फिट बैठे।