कोरोना के खतरे के बीच लोग जहां घरों में कैद हैं, वहां सड़कों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस जवान भी संक्रमण से बच नहीं पा रहे हैं। वे न केवल पॉजिटिव हो रहे हैं, बल्कि अपनी जान भी गंवा रहे हैं। नारनौल में RAT सचिव पद पर कार्यरत DSP विरेंद्र सिंह को कोरोना ने लील लिया है। वे रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में 15 दिनों से भर्ती थी। इससे पहले इससे पहले कोरोनावायरस से बादली के DSP अशोक दहिया की जान जा चुकी है।
DSP दहिया का निधन बाढ़सा AIIMS में उपचार के दौरान 26 अप्रैल को हुआ था। अब तक पुलिस महकमे में 21 कर्मचारियों की जान कोरोनावायरस ले चुका है। चिंता की बात यह है कि हर दिन फील्ड में रहने वाले 4577 पुलिसकर्मी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2970 जहां पिछले साल संक्रमण के साढ़े 9 माह में संक्रमित हुए थे, वहीं 2021 के साढ़े चार माह में 1607 पुलिसकर्मी वायरस की चपेट मे आ चुके हैं।
प्रदेश में करीब 55 हजार पुलिसकर्मी हैं और अभी हर 12वां पुलिस कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। राज्य में करीब 70 हजार पद हैं, जिनमें 15 हजार पद खाली हैं। इसलिए भी पुलिस कर्मचारियों को ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ रही है। करीब 7200 पदों की भर्ती अभी पाइप लाइन में है।
हम जवानों के साथ: DGP
DGP मनोज यादव ने DSP वीरेंद्र सिंह व DSP अशोक दहिया समेत सभी पुलिस कर्मचारियों के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि पुलिस कोविड-19 की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए कई मोर्चों पर योद्धा की तरह डटकर महामारी के खिलाफ चल रही जंग में अग्रणी भूमिका निभा रही है। नियमों की पालना कराने में दिनरात काम पर लगे पुलिस कर्मी सीधे संक्रमितों के संपर्क में आते हैं। दुख की इस घड़ी में हम कर्मियों के साथ खड़े हैं।
अब कुल 94 कर्मचारियों की जान ले चुका कोरोना
प्रदेश में अब तक 94 कर्मचारियों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो चुकी है। इनमें 16 तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं, जो कोरोना मरीजों को बचाने के लिए उनके इलाज में जुटे हुए थे, जबकि बाकी 78 दूसरे विभागों से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। सबसे ज्यादा सड़कों पर रहने वाले पुलिस कर्मचारियों में अब तक 48, 373 को कोरोना से बचाने के लिए वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। इनमें 30,130 को दूसरा टीका लग चुका है।