पलवल / अतुल लोकतंत्र: हरियाणा राज्य रैडक्रॉस सोसायटी के महासचिव डा. मुकेश अग्रवाल के निर्देशन तथा जिला रैडक्रॉस सोसायटी की अध्यक्ष एवं उपायुक्त नेहा सिंह के कुशल मार्गदर्शन में जिला रैडक्रॉस सोसायटी पलवल की ओर से राजकीय उच्च विद्यालय पलवल कैंप के परिसर में पांच दिवसीय जिला स्तरीय जूनियर रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सोमवार 6 नवंबर से आगामी 10 नवंबर 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण शिविर में जिला के विभिन्न विद्यालयों के सैंकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है।
शिविर का शुभारंभ जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी उपमा अरोड़ा ने रैडक्रॉस झंडा फहराते हुए रैडक्रॉस के संस्थापक सर जीन हैनरी ड्यूना की फोटो पर पुष्प अर्पित करते हुए किया।
DDPO उपमा अरोड़ा ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य युवाओं के हाथों में होता है
- जिस देश का युवा जागरूक
- सुदृढ़ एवं शक्तिशाली होगा
वहां देश तरक्की करेगा।
रैडक्रॉस सोसायटी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो
स्वास्थ्य, सेवा मित्रता के साथ-साथ मानवता, भेदभाव रहित, सार्वभौमिकता, स्वतंत्र, निष्पक्षता, तटस्थता, एकता,
स्वैच्छिक सेवाभाव से तत्पर आमजन में जागरूकता के भाव जगाती है।
इस अवसर पर जिला रैडक्रॉस सोसायटी पलवल के सचिव वाजिद अली ने मुख्य अतिथि का स्वागत व्यक्त करते हुए दिन-प्रतिदिन शिविर की जाने वाले गतिविधियों के बारे विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने रैडक्रॉस इतिहास, जूनियर रैडक्रॉस इतिहास की विस्तृत जानकारी दी।
जिला प्रशिक्षण अधिकारी नीतू सिंह ने मंच संचालन किया तथा उपस्थित प्रतिभागियों को नशा विरोधी जागरूकता अभियान से जुडऩे के लिए शपथ दिलाई। राजकीय उच्च विद्यालय पलवल कैंप के मुख्य अध्यापक नवल किशोर ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद व्यक्त किया।
नूंह के जिला प्रशिक्षण अधिकारी महेश मलिक ने सभी प्रतिभागियों को रैडक्रॉस के चिन्ह के प्रयोग,
दुरुपयोग के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि इस चिन्ह का प्रयोग रैडक्रॉस गतिविधियों से जुड़ा समाज,
स्वयं सेवक एवं आर्मी मेडिकल कोर कर सकती है।
बाकी अन्य विभाग अपने निर्धारित चिन्ह का प्रयोग करें।
समाज सेवी बिक्रम सिंह यात्री ने सभी को स्वयं सेवक की गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
शिविर के प्रथम दिन के सफल आयोजन में विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकों,
जिला रैडक्रॉस सोसायटी पलवल की लेखाकार अंजली भयाना, भोजपाल सहरावत, हेमवती, नितिन कुमार, सूर्यकांत, हरबंश आदि का अहम योगदान रहा।