पलवल ( अतुल्य लोकतंत्र ): मुकेश बघेल/राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वाधान में सिविल सर्जन डॉ लोकवीर सिंह के मार्गदर्शन एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी के दिशा निर्देशन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत डॉक्टरों द्वारा आंगनवाड़ी सेंटर व सरकारी स्कूलों में 18 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें बच्चों में होने वाले जन्मजात रोग जैसे जन्मजात अंधापन, बहरापन, जन्मजात हृदय रोग ,क्लब फुट (पैर के पंजों का अंदर की ओर मुड़ा होना), क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट, मानसिक व शारीरिक विकास में देरी, हाइड्रो सफेलस, रेटिनोपैथी आफ प्रीमेच्योरिटी, डी डी एच ,कन्वलजिव डिसऑर्डर आदि विकृतियों के अलावा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (स्पाइना बायफिडा) की जांच की जाती है। इस प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को आरबीएसके डॉक्टरों द्वारा जिला नागरिक अस्पताल पलवल के डीईआईसी (जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र) में भेज कर उसके बाद टर्सरी लेवल पर हायर सेंटर में भेजकर निःशुल्क इलाज करवाया जाता है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी ने बताया कि “न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट’ फोलिक एसिड की कमी के कारण होने वाला एक जन्मजात जन्म दोष है जिसमें बच्चे की पीठ पर एक फोड़ा होता है जिसमें बालों का एक गुच्छा होता है या उसमें से रिसाव होता है। यह जन्म दोष दुनिया भर में लगभग 3 लाख बच्चों को प्रभावित करता है।
कैसे करें बचाव
गर्भावस्था में गर्भवती महिला को फोलिक एसिड की गोली प्रथम तीन महीने लगातार सेवन करनी चाहिए जो कि बच्चों में होने वाले न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (इनेनस्फैली और स्पाइना बायफिडा) जन्म दोष की संभावना को कम करता है। सिविल सर्जन डॉक्टर लोकवीर ने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से ग्रस्त वाले बच्चों का हरियाणा सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करके निःशुल्क इलाज करवाया जाता है।
Leave a Review