उज्जैन प्रतिनिधि ( अतुल्य लोकतंत्र ): शहर के निजी स्कूलों की 6 फरवरी को आर.के. मिशन स्कूल मक्सीरोड पर बैठक आयोजित की गई। जिसमें वर्तमान परिस्थितियों में निजी स्कूलों को आ रही विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। मुख्य रूप से शासन द्वारा आरटीई के तहत निशुल्क अध्यनरत बच्चों की 3 वर्षों की फीस प्रतिपूर्ति का शीघ्र भुगतान करवाने हेतु आंदोलन करने का प्रस्ताव पारित किया।
शहर अध्यक्ष जितेन्द्र शिंदे ने बताया कि वर्तमान कोरोना काल से शिक्षा जगत का अधिक नुकसान हुआ है। विगत 13 मार्च से सभी स्कूल बंद है तथा सभी बच्चे घर पर बैठे हैं जिनका नियमित अध्यापन कार्य नहीं हो पा रहा है, साथ ही निजी स्कूलों में आरटीई नियम के तहत निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों का गत 2018-19, 19-20 तथा 2020-2021 लगभग समाप्ति की ओर है इस प्रकार 3 वर्ष का भुगतान शासन द्वारा अभी तक नहीं किया गया है जिससे विद्यालय के संचालन में तथा मैनेजमेंट में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है साथ ही कक्षा नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं मध्यप्रदेश में अभी तक शुरू नहीं की गई है जिस कारण बच्चों के शिक्षण का भी नुकसान हो रहा है।
लगभग 8 राज्यों में कक्षा एक से आठ तथा कुछ राज्यों में कक्षा 6 से 8 तक का भी अध्यापन शुरू हो गया है किंतु मध्यप्रदेश में अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई भी संज्ञान नहीं लिया है।
सचिव मनीष रावल ने बताया कि शिक्षा विभाग तथा शासन से कई बार ज्ञापन तथा मौखिक रूप से आरटीई के शीघ्र भुगतान की मांग की गई किंतु अभी तक शासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। जिससे निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो रही है।
बैठक में प्रस्ताव पारित किया कि यदि आगामी एक सप्ताह में शासन द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो धरना आंदोलन तथा भोपाल जाकर मुख्यमंत्री के निवास पर धरना दिया जाएगा।
इस मीटिंग में प्रदीप सिंह परिहार, प्रवीण सनोठिया, प्रेम सिंह गौड़, राजेश तिवारी, भारत सिंह, राजेश द्विवेदी, डॉ प्रीति गुप्ता, अनिता बागरवाल, अख्तर अहमद खान मुख्य रूप से उपस्थित रहे।