New Delhi/Atulya Loktantra : राजस्थान के अलवर में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां राजीव गांधी अस्पताल में एक महिला ने डॉक्टर के साथ मारपीट की. महिला ने डॉक्टर को चप्पलों से पीटा, जिसके बाद मारपीट के इस मामले में जज ने अस्पताल में ही कोर्ट लगा ली.
अलवर में अस्पताल के आईसीयू में लगी अनोखी अदालत चर्चा का विषय बनी हुई है. एक मामले में विशेष परिस्थितियों को देखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन जीनवाल की अदालत खुद न्याय की सुनवाई के लिए कोर्ट रूम से चलकर राजीव गांधी अस्पताल के आईसीयू में पहुंच गई. अस्पताल में कोर्ट की प्रक्रिया की तरह केस की सुनवाई हुई.
मामले की सुनवाई के बाद उस पर फैसला भी दिया गया और कोर्ट ने अस्पताल के डॉक्टरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. साथ ही डॉक्टर की लापरवाही को कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया. डॉक्टर की चप्पल से पिटाई के मामले में गिरफ्तार महिला सीमा उर्फ सरोज देवी के मामले की कार्यवाही अस्पताल के आईसीयू वार्ड में हुई.
आईसीयू में लगी कोर्ट में सुनवाई के बाद डॉक्टर से पिटाई की आरोपी महिला को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. हालांकि महिला का अस्पताल में इलाज जारी रहेगा.
अलवर के राजकीय महिला अस्पताल में महिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. श्याम बिहारी जारेड़ा के साथ महिला सीमा ने मारपीट की थी. सीमा को चेस्ट पेन के चलते आईसीयू में भर्ती कराया गया था. सीजेएम अदालत के जज पवन जीनवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मेडिकल बोर्ड बनाकर आरोपी सीमा की मेडिकल रिपोर्ट 3 दिन में पेश करने के निर्देश दिए हैं.
वही इस मामले में डॉ. अशोक महावर पर अदालत ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि डॉ. अशोक महावर ने गलत रिपोर्ट देकर जानबूझकर अदालत का समय बर्बाद किया.
हड़ताल पर डॉक्टर
वहीं अस्पताल में डॉक्टरों ने 2 घंटे तक काम का बहिष्कार रखा और काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया. बता दें कि मंगलवार को सुबह सफाई कर्मियों की पूर्व इंचार्ज रही सीमा ने ड्यूटी टाइम में अस्पताल की गैलरी में महिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. श्याम बिहारी जारेड़ा की चप्पलों से पिटाई कर दी. जिसके बाद से डॉक्टरों ने हड़ताल रखी.
इस मामले में आरोपी महिला को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि डॉक्टरों की मांग है कि इस मामले में लिप्त ठेकेदार को भी गिरफ्तार किया जाए. जब तक ठेकेदार गिरफ्तार नहीं हो जाता, तब तक डॉक्टर रोज 2 घंटे काम का बहिष्कार करेंगे. डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.