बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने संदिग्ध की पहचान कर ली है। आरोपी का नाम मुसाविर हुसैन शाजिब है। वह कर्नाटक के तीर्थहल्ली जिले के शिवमोग्गा का रहने वाला है।
जांच एजेंसी ने शाजिब के एक और साथी की पहचान की है। उसका नाम अब्दुल मतीन ताहा है। ताहा तमिलनाडु पुलिस इंस्पेक्टर के विल्सन की हत्या के लिए वांटेड था और चेन्नई में मुख्य संदिग्ध के साथ रहा था।
NIA के मुताबिक, शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा थे। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था।
NIA ने कैप की मदद से संदिग्ध की पहचान की
सूत्रों के मुताबिक, NIA ने आसपास के 1,000 से अधिक CCTV कैमरों की जांच करते हुए आरोपी का पता लगाया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, ताहा हमेशा एक टोपी पहनता था जो उसने ट्रिप्लिकेन में रहने के दौरान खरीदी थी। संदिग्ध हमलावर शाजिब को विस्फोट के दिन वही टोपी पहने देखा गया था। जांच में पाया गया कि इस टोपी के सिर्फ 400 पीस ही बेचे गए थे।
एक अन्य CCTV फुटेज में NIA अधिकारियों ने ताहा को चेन्नई के एक मॉल से टोपी खरीदते हुए पाया। विस्फोट के बाद संदिग्ध ने कैफे से कुछ दूरी पर टोपी गिरा दी थी।
जांच करने पर पता चला कि टोपी जनवरी के अंत में मॉल से खरीदी गई थी। NIA के सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्हें टोपी में बाल मिले, जिसे फोरेंसिक में भेजा गया था। रिपोर्ट में मुख्य संदिग्ध शाजिब के माता-पिता के DNA सैंपल से इसे मिलाया गया।
बाद में, शाजिब के माता-पिता ने उसका CCTV फुटेज देखा और पुष्टि की कि जो व्यक्ति देखा गया वह उनका बेटा था। एजेंसी ने यह भी कहा कि संदिग्ध को आखिरी बार आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में देखा गया था।
NIA ने आरोपी की जानकारी के लिए 10 लाख इनाम का ऐलान किया
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट के आरोपी की जानकारी के बदले 10 लाख रुपए का इनाम देने की पेशकश की है। एजेंसी ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि जो भी व्यक्ति ऐसी कोई जानकारी देगा जिसकी मदद से आरोपी गिरफ्तार हो सके, वह इनाम का हकदार होगा।
NIA ने यह भी कहा कि जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। यह जानकारी [email protected] ईमेल या 080-29510900 और 8904241100 फोन नंबर पर दी जा सकती है। एजेंसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोपी की तस्वीर भी जारी की। यह तस्वीर 1 मार्च को विस्फोट से पहले CCTV कैमरा में कैप्चर हुई थी।