Corona Vaccine: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। लेकिन अब इस हथियार की धार कम होती जा रही है। भारत में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) पर हुई एक रिसर्च में पता चला है कि इन वैक्सीनों से उत्पन्न एंटीबॉडी (Antibodies) कुछ ही महीनों में कम पड़ने लगती हैं। इस स्थिति में लोगों को वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की ढाल मिलती रहे इसके लिए बूस्टर डोज़ (Corona Vaccine Booster Dose) की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के भुवनेश्वर स्थित रिसर्च सेंटर और अन्य सरकारी संस्थानों ने कुछ स्वास्थ्यकर्मियों पर एक स्टडी करके यह जानना चाहा कि वैक्सीन की फुल डोज़ पाने के कितने दिन बाद तक कोरोना के प्रति एंटीबॉडी बनी रहती है। स्टडी में पता चला है कि इन स्वास्थ्य कर्मियों में एंटीबॉडी कुछ समय के बाद काफी ज्यादा घट गयी।
दरअसल, वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी बहुत लम्बे समय बनी नहीं रह पा रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल और तमाम अन्य देशों में हुई रिसर्च में यही निकल कर आया है। इसीलिए अब बहुत से देशों में तीसरी डोज़ (Covid-19 Vaccine Third Dose) देना शुरू भी हो गया है। इजरायल में तो अब चौथी डोज़ की बात हो रही है। अमेरिका में तो 13 अगस्त से ही फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) वैक्सीन की तीसरी डोज़ देने का काम जारी है।
कमजोर इम्यूनिटी वालों को पहले दी जा रही बूस्टर डोज़