विदेश से कोई भी वाहन आयात करने से पूर्व ध्यान दें कि कार की स्पीडोमीटर यूनिट मील प्रति घंटे के बजाय किमी प्रति घंटा होनी आवश्यक है तथा कार का स्टीयरिंग व्हील दाहिने हाथ की ओर होना चाहिए। हालांकि विदेश से आयात होने वाली बाइक को इन नियमों से बाहर रखा गया है। इसके अतिरिक्त इस बात पर भी ध्यान दें की आपके द्वारा आयात किए जाने वाला कोई भी वाहन केवल निर्माता के देश में ही उपलब्ध हो, अगर वह कार किसी दूसरे देश में है तो इसके चलते आपको काफी दिक्कतें हो सकती हैं।
उपर्युक्त निर्देशों में ये शर्तें मान्य नहीं होंगी
यदि वाहन सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए आयात किया जाता है। यदि वाहन अनुसंधान या विकास उद्देश्यों के लिए आयात किया जाता है। यदि एनआरआई अपने वाहन अपने देश वापस ला रहे हैं, तो उनके पास इस बात का प्रमाण होना चाहिए कि वे पिछले दो वर्षों से उस देश में रह रहे हैं। इसके अलावा उनके पास उनके द्वारा ली जाने वाली कार या बाइक पर कम से कम एक वर्ष का स्वामित्व अधिकार होना आवश्यक है।
जानें कार और बाइक पर आयात शुल्क
लग्जरी कारों के आयात हेतु आयात शुल्क (Import Duty On Luxury Cars) वाहन की कीमत (Vehicle Price) का 16.5 फीसदी है वहीं बाइक्स के लिए यह कीमत बाइक की कीमत का 11.6 फीसदी है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला आयात शुल्क क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में जमा होता है।
इन बातों को ध्यान में रखकर ही आयात करें वाहन
यदि आप विदेश से वाहन आयात करवाते हैं तो आपको वास्तविक कीमत से कई गुना ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। विदेशों से खरीदी गई कारों और बाइक के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कई नियम हैं, जिन्हें केवल किसी भारतीय व्यक्ति द्वारा विदेश से वाहन खरीदने के बाद ही पूरा किया जा सकता है। विशेषतौर पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अमूमन इन विदेशी लक्ज़री कारों में उच्च ऑक्टेन ईंधन (High Octane Fuel In India) का उपयोग किया जाता है तथा यह भारत में हर जगह उपलब्ध नहीं है।