मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व के लुवांगसांगबाम स्थित निजी घर पर गुरुवार रात उपद्रवी हमला करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनको घर से करीब 500 मीटर पहले ही रोक लिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग कर उपद्रवियों को खदेड़ दिया। हमले के प्रयास के बाद सीएम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इस बीच राज्य में जुलाई से लापता दो मैतेई स्टूडेंट्स की डेड बॉडीज की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा फिर भड़क गई है। बुधवार को राजधानी इंफाल समेत कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई।
प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। इस हिंसा में 50 घायल हुए हैं जिनमें से ज्यादातर स्कूली छात्र हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि जिन इलाकों में हिंसा भड़की है उन्हें मणिपुर सरकार ने ‘शांतिपूर्ण’ घोषित कर AFSPA से दूर रखा है।
बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने थोबुल जिले में बीजेपी ऑफिस में भी आग लगा दी, उधर इंफाल में बीजेपी अध्यक्ष शारदा देवी के घर पर हमला किया और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का पुतला जलाया गया। इंफाल वेस्ट जिले में प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कलेक्टर के घर में आगजनी की कोशिश की। घर के कैंपस में खड़ी दो कारों को आग लगी दी और खिड़कियों के कांच तोड़ दिए।
इंफाल में प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके और पैलेट गन चलाई। इंफाल के सिंग जामेई इलाके के 20 साल के एस उत्तम नाम के छात्र के सिर में कई छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है।
हालांकि इस हिंसा के बाद राज्य में AFSPA फिर से छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला विवादों में आ गया है। जिन इलाकों में हिंसा हो रही है उन्हें शांतिपूर्ण बताकर आर्म्ड फोर्सेज एक्ट से दूर रखा गया है।