शुक्रवार को यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियंस (UFBU) के अहवाहन पर हड़ताल का जोश खरोश दूसरा दिन भी कर्मचारियों के संघर्ष और आंदोलन के साथ दिखा। हड़ताली कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय महुआ बाग स्थित संपन्न किया। आज भी पूरे देश में UFBU के आवाहन पर लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी अधिकारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। यह हड़ताल केवल व केवल बैंक निजीकरण के खिलाफ में आयोजित की गई।
इस हड़ताल को संबोधित करते UFBU के संयोजक और UFBU के प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी बिल को शीतकालीन सत्र में लाने का प्रयास कर रही है। बैंकिंग एक्ट 12(2) में संशोधन कर जो कर्मचारियों के हित में है, सरकार अपनी पूंजी 51% से नीचे लाकर बैंक को निजी घरानों में बेचना चाहती है और सरकार मौजूदा हालात में 2 बैंकों को निजी बैंक बनाने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
प्रांतीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि बैंक प्राइवेट होने के बाद केवल कर्मचारियों का ही अहित नहीं होगा बल्कि मध्यम वर्गीय आम ग्राहक भी बुरी तरह से प्रभावित होगा। इसके साथ ही AIBOC के क्षेत्रीय सचिव सत्यम कुमार एवं बैंक ऑफ बड़ौदा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुनील उपाध्याय ने राष्ट्रीय कृत बैंक और निजी बैंकों के होने वाले अंतर परिणाम से भी साथियों को भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार कम वेतन देकर ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों से काम कराना चाहती है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सहायक महामंत्री संतोष कुमार यादव ने बताया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने के लिए आमदा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ तथा भारत की आर्थिक प्रगति में इनका महत्वपूर्ण योगदान है आज भी 70% से ज्यादा जनता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विश्वास करती है। सरकार की समस्त योजनाओं को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लागू करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खोलना, लघु मध्यम उद्योगों एवं कृषकों को ऋण वितरित करना , प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के तहत ऋण वितरित करना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सदैव ही सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य किए हैं। यदि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया गया तो यह आम जनता की पहुंच से दूर हो जाएंगे इसलिए आम जनता को भी इस प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ खड़ा होना होगा।
साथी टीएन सिंह ने भी सभा को संबोधित करते हुए वित्तीय व्यवस्था को सरकार द्वारा ठप कराने की बात कही इसके साथ ही साथी संतोष राय ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अशोध ऋण (NPA) वसूलने के लिए सरकार से कड़ा कानून बनाने की बात कही। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए साथी गरिमा मौर्य सरकार के दमनकारी एवं नकारात्मक नीतियों का खिलाफत किया।
आज इस हड़ताल से पूरे गाजीपुर जिले में लगभग ढाई सौ करोड़ रुपए का व्यवसाय प्रभावित रहा और करोड़ों का समासोधन (clearing) प्रभावित रहा। गाजीपुर क्षेत्र के लगभग 300 शाखाओं पर ताला बंद रहा और लगभग 300 एटीएम के दरवाजे नहीं खुले। हड़ताली सभा की अध्यक्षता करते हुए साथी सत्यदेव राम ने दूरदराज से आए सभी श्रमिकों का आभार प्रकट किया और आम जनता को बैंकिंग और सुविधाओं के लिए अत्यंत खेद भी जताया इस सभा का संचालन साथी संतोष कुमार ने किया
यदि बैंकिंग उद्योग निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा तो आम जनता को होने सुविधाओं और लाभ में भारी कमी आएगी। इस सभा में विभिन्न वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए काशी धर्मेंद्र कुमार, कमलेश सिंह, अशोक सिंह, गुलाब सिंह, शमशाद अहमद ,मोहम्मद तसुवार, दीपक कुमार, प्रभात कुमार जयसवाल, हरिद्वार यादव, दिनेशचंद्र गुप्ता, अली नक़ी , जय राम राम अशोक कुमार मदन लाल कश्यप राजीव कुमार आकांक्षा दुबे रात्रि आलोक श्रीवास्तव , अजीतफ श्रीवास्तव ,हीरा प्रसाद, रमेश राम, संजय गुप्ता ,मनीष प्रजापति मृत्युंजय आदि वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।