पतंजलि विज्ञापन केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार पेश हुए।
पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की। उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भी आज की सुनवाई में शामिल हुआ।
सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने पतंजलि के वकील को ओरिजिनल माफीनामा (न्यूज पेपर्स की कॉपी) की जगह ई-फाइलिंग करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है।
कोर्ट ने इस पर ऐतराज जताया और कहा कि ये जानबूझकर किया जा रहा है। पतंजलि के वकील ज्यादा स्मार्ट हैं। पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था।
कोर्ट ने पतंजलि पर समय पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड सरकार को भी फटकारा। साथ ही IMA प्रमुख के एक दिन पहले दिए इंटरव्यू को रिकॉर्ड में लेने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई की 4 बातें…
- कोर्ट ने पतंजलि को इजाजत दी कि वो अपने माफीनामे वाले विज्ञापन का अखबार पेश कर सके। ई-फाइलिंग और कटिंग्स की इजाजत नहीं दी गई।
- अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष के मीडिया इंटरव्यू का मुद्दा भी सुना, जिसमें वो IMA की तरफ उंगली उठाने के लिए आलोचना कर रहे हैं। कोर्ट ने यह इंटरव्यू मांगा है ताकि फैसला लिया जाए कि क्या एक्शन लिया जाए।
- उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की ओर से फाइल एफिडेविट की कोर्ट ने आलोचना की है। कहा कि अधिकारी तब जागे, जब कोर्ट ने आदेश दिया। अदालत ने कहा कि अफसरों को खुद सावधानी बरतनी थी। पूछा कि कोर्ट के आदेश के पहले और बाद में क्या एक्शन लिया गया। स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
सैनिक स्कूल में पढ़े, विनाश-किर्च और त्रिशूल जहाजों की कमान संभाल चुके
15 मई, 1964 को जन्मे एडमिरल त्रिपाठी को 1 जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना की एग्जीक्यूटिव ब्रांच में नियुक्त किया गया था। सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्र एडमिरल त्रिपाठी नौसेना की कमान संभालने से पहले नौसेना स्टाफ के उपप्रमुख के पद पर थे। नौसेना के उप प्रमुख से पहले, उन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में भी काम किया।
दिनेश त्रिपाठी ने कोच्चि के सिग्नल स्कूल, वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और अमेरिका के यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज से पढ़ाई की है। नेवी में नियुक्ति की शुरूआत में वे मुंबई में फ्लीट ऑपरेशन ऑफिसर, नेवल ऑपरेशंश के डायरेक्टर, नेटवर्क सेंट्रिक ऑपरेशंस के प्रिंसिपल डायरेक्टर और नेवल प्लान्स के प्रिंसिपल डायरेक्टर जैसे प्रमुख पदों पर रहें।
इसके बाद उन्होंने इस्टर्न नेवी के फ्लैग ऑफिसर और नेवल स्टाफ (पॉलिसी) के असिस्टेंट चीफ की जिम्मेदारी भी निभाई। इसके अलावा वाइस एडमिरल के प्रमोशन के समय उन्होंने केरल के इंडियन नेवल अकेडमी में कमांडेंट की जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद वे नेवल ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल भी बने।