कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार 23 अप्रैल को कहा कि वह बंगाल के उन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव नहीं होने देगा जहां राम नवमी पर हिंसा हुई थी। कोर्ट ने चुनाव कमीशन से अपील की है कि बेरहमपुर में चुनाव को पोस्टपोन किया जाए।
वहीं, कोर्ट ने बंगाल सरकार से अपील की है कि राम नवमी पर मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई थी, उस पर रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने एफिडेविट के तौर पर ये रिपोर्ट मांगी है।
राम नवमी पर मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक अपील दाखिल की गई थी। उसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये बातें कहीं। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
पश्चिम बंगाल में सभी सातों फेज में लोकसभा चुनाव होने हैं। इलेक्शन कमीशन ने राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 920 टुकड़ियां तैनात की हैं। यहां जम्मू-कश्मीर से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
कोर्ट बोला- जहां लोग शांति से कोई त्योहार नहीं मना सकते, वहां चुनाव नहीं होने देंगे
कोर्ट ने कहा कि अगर लोग 8 घंटे के लिए भी कोई त्योहार शांति से नहीं मना सकते, तो हम इलेक्शन कमीशन से रिक्वेस्ट करते हैं कि ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव न कराएं जाएं। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद भी, दो समुदायों के लोग आपस में लड़ रहे हैं। इन्हें अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट देने का कोई अधिकार नहीं है।8 अप्रैल को रामनवमी पर दो इलाकों में हुई थी हिंसा
पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर दो जगह हिंसा हुई थी। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा शहर में मस्जिद के पास से शोभायात्रा निकालने के बाद दो समुदायों के बीच संघर्ष हुआ। इस बीच बम फटने की भी सूचना मिली।
वहीं, मेदिनीपुर के इगरा में भी दो समुदाय के बीच झड़प हुई और आगजनी की गई। हिंसा में अब तक 18 लोगों के घायल होने की खबर मिली थी। इसमें दो नाबालिग, एक महिला और कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।