संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 6 आरोपियों में से 5 का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। 2 आरोपियों मनोरंजन और सागर ने नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग टेस्ट के लिए कोर्ट में अपनी सहमति दी है। बाकी तीन आरोपी अमोल, ललित और महेश भी पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हो गए।
छठवीं आरोपी और संसद के बाहर नारे लगाने वाली नीलम आजाद ने पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से मना कर दिया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार (5 जनवरी) को मामले की सुनवाई हुई। एडिशनल जज हरदीप कौर ने दिल्ली पुलिस की मांग पर आरोपियों की पुलिस कस्टडी को 13 जनवरी तक बढ़ा दिया है।
आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। डिफेंस के वकील अमित शुक्ला ने दिल्ली पुलिस की पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग पर कोर्ट से कानूनी सलाह के लिए 15 मिनट का समय मांगा। कोर्ट ने इसकी मंजूरी दी। इसके बाद उन्होंने आरोपी अमोल शिंदे, ललित झा, मनोरंजन डी, सागर शर्मा और महेश कुमावत से बात की। वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए तैयार हो गए।
वकील अमित शुक्ला ने दिल्ली पुलिस से मनोरंजन और सागर के नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने का कारण पूछा। स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर (SPP) अखंड प्रताप ने बताया कि इसकी सलाह एक एक्सपर्ट ने दी है और वे इससे बंधे हैं।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने मोबाइल डेटा रिकवर करने और जांच के लिए कोर्ट से पुलिस कस्टडी आठ दिनों तक बढ़ाने की मांग की। वकील अमित शुक्ला ने पुलिस कस्टडी का विरोध किया और कहा कि ज्यूडिशियल कस्टडी के दौरान डेटा से रिलेटेड पूछताछ की जा सकती है यहां तक कि न्यायिक हिरासत के दौरान पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया जा सकता है।
इस पर SPP ने कहा कि UAPA, एजेंसी को 30 दिनों तक पुलिस हिरासत बनाए रखने का अधिकार देता है। SPP ने कोर्ट को बताया कि उन्हें फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (FSL) से सोमवार तक मोबाइल फोन डेटा भी मिल जाएगा।