महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह का टिकट भाजपा ने काट दिया है। हालांकि उनके छोटे बेटे करण भूषण को भाजपा ने उनकी सीट कैसरगंज से टिकट दिया है। भाजपा ने गुरुवार शाम इसकी घोषणा कर दी। करण भूषण यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष भी थे, लेकिन पिता के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद इन्होंने भी पद छोड़ दिया था।
कैसरगंज में 3 मई नामांकन की आखिरी तारीख है। शुक्रवार को करण नामांकन करेंगे। करण सिंह के प्रतिनिधि जगन्नाथ तिवारी ने गुरुवार को कैसरगंज से नामांकन के 4 सेट खरीदे।
बृजभूषण के बड़े बेटे प्रतीक ने गुरुवार सुबह ही भाई करण को टिकट मिलने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने वॉट्सऐप पर लिखा था- करण भूषण सिंह। आपके आशीर्वाद का आकांक्षी- कैसरगंज। करण भूषण का गुरुवार को एक वीडियो सामने आया। इसमें वह पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आ रहे हैं।
पहली बार चुनाव लड़ेंगे करण
करण भूषण का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ। करण को एक बेटा और एक बेटी है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने गोंडा में अपने पिता के नंदिनी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। अभी वे उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं।
महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश में कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। 12 फरवरी को हुए इस चुनाव में करण को सर्वसम्मति से यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था।
बृजभूषण की जगह उनके बेटे को टिकट देने की 3 वजह
- सीनियर जर्नलिस्ट प्रभाशंकर बताते हैं कि भाजपा ने आखिरी वक्त पर कैसरगंज सीट पर फैसला लिया। पार्टी को आशंका थी कि बृजभूषण का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी नाराज हो सकती है। कैसरगंज के अलावा, बृजभूषण सिंह का आसपास की 6 सीटों पर प्रभाव है। UP में राजपूत (ठाकुर) वोटर 6-7% हैं। बृजभूषण की छवि बड़े ठाकुर नेता की है।
- भाजपा ने यूपी में अधिकांश सिटिंग सांसदों को रिपीट किया है। गाजियाबाद से वीके सिंह के टिकट कटने और वेस्ट यूपी की 27 लोकसभा सीटों पर सिर्फ एक ठाकुर नेता को टिकट मिलने से ठाकुर बिरादरी नाराज है। सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक ठाकुर नेताओं ने महापंचायत कर भाजपा के विरोध का ऐलान भी किया। जातीय संतुलन के लिए पार्टी ने करण भूषण को टिकट दिया।