पंचकूला स्थित CBI की कोर्ट से सोमवार को बड़ा फैसला आया है। मामला साढ़े 5 साल पहले फरीदाबाद जिले के गांव सुनपेड़ में घटे अग्निकांड का है, जब घर में सोए परिवार के 4 सदस्यों में से दो बच्चे जिंदा जल गए थे। वहीं दंपती गंभीर घायल हो गया था। इस मामले में आज CBI की कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया। इस मसले पर खूब राजनीति हुई थी, यहां तक कि राहुल गांधी और वृंदा करात भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। पीड़ित पक्ष की मांग और राजनैतिक दबाव के चलते हरियाणा सरकार ने इस केस की जांच CBI को सौंपी थी।
20 अक्टूबर 2015 की सुबह फरीदाबाद जिले के गांव सुनपेड़ में घर में सोया एक परिवार आग की लपटों में घिर गया था। थाना सदर की पुलिस को दी शिकायत में सुनपेड़ निवासी जितेंद्र ने बताया था कि 19 अक्टूबर की रात को वह अपने घर में पत्नी रेखा, बेटे वैभव और बेटी दिव्या के साथ सोया हुआ थ। आधी रात को पड़ोस में रहने वाले संजय, बलवंत, धर्म सिंह, करतार, अमन और आकाश समेत 11 लोग आए। इन्होंने सोते परिवार पर पेट्रोल फेंककर आग लगा दी। उस दौरान बेटा वैभव और बेटी दिव्या की जिंदा जलकर मौत हो गई और वो दोनों पति-पत्नी भी झुलस गए थे। जितेंद्र के मुताबिक बच्चों की जान बचाने की कोशिश में उसके खुद के हाथ झुलस गए थे, वहीं पत्नी रेखा कई दिन दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती रही थी। उस वक्त पुलिस ने जितेंद्र की शिकायत पर एक नाबालिग समेत कुल 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पहले मामले की जांच स्थानीय स्तर पर SIT कर रही थी, लेकिन बाद में तमाम विपक्षी राजनैतिक पार्टियों के दबाव के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ले इस केस को CBI के हवाले कर दिया था। 3 आरोपियों को प्राथमिक जांच के दौरान ही बाहर कर दिया गया था। इसके बाद 28 अक्टूबर 2015 को थाना क्राइम ब्रांच-3 में FIR दर्ज करके छानबीन शुरू करने वाली CBI टीम ने जांच पूरी की और ब्यूरो की कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। CBI कोर्ट में बचाव पक्ष ने दावा किया कि हत्या मामले में नामजद किसी भी व्यक्ति की हत्या में कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं थी। सभी पर ये मामला सिर्फ आपसी रंजिश के चलते दर्ज करवाया गया था।
नतीजतन 11 आरोपियों की क्लोजर रिपोर्ट में भी सभी को क्लीनचिट दी गई थी। सोमवार को उसी रिपोर्ट के आधार CBI कोर्ट ने इन सभी 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करने का फैसला सुनाया गया है। इस मामले में CBI को आरोपियों के खिलाफ कोई भी सबूत या गवाह नहीं मिला। वहीं चार्जशीट दाखिल न होने के चलते CBI कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी।