दरअसल, संत कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो से हिरासत में लिया गया है। इस पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, कि ‘बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए कार्रवाई की गई है, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है।’ जबकि, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने इसे जायज ठहराया है। इस पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा, कि ‘छत्तीसगढ़ पुलिस को गिरफ़्तारी से पहले मध्य प्रदेश पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी।’
भूपेश बघेल का तंज भरा ट्वीट
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि उन्होंने प्रदेश के डीजीपी को छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करने को कहा है। जबकि, इस पूरे मसले पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने तंज भरे लहजे में लिखा कि ‘न्याय में इतना विलंब नहीं होना चाहिए, कि वो अन्याय लगने लगे।’ भूपेश बघेल ने उनकी पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए ट्वीट किया और कहा, कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण महाराज के परिवार और वकील को उनकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी है। 24 घंटे के भीतर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान संरक्षण दे रही थी !
दूसरी तरफ, कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी मुद्दे पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सवाल उठाने पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी निशाना साधा। सलूजा ने इस गिरफ्तारी को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘यह बड़े शर्म की बात है कि गृह मंत्री इस कार्यवाही का स्वागत करने की बजाय इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कायदे से तो कालीचरण को मध्य प्रदेश पुलिस को ही गिरफ़्तार करना चाहिए था। मगर लगता है, शिवराज सिंह चौहान की सरकार उन्हें संरक्षण दे रही थी।
बता दें, कि धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द कहे जाने के बाद कालीचरण महाराज के खिलाफ धारा 505(2) और धारा 294 के तहत केस दर्ज किया गया था।