राष्ट्रीय कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पदभार ग्रहण करते ही हरियाणा कांग्रेस को सरप्राइज कर दिया। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ( AICC ) की सबसे पावरफुल स्टीयरिंग कमेटी से पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम गायब है। यह हालात तब हैं, जब हुड्डा खड़गे से करीबी दिखाने का कोई मौका नहीं चूके थे।
सियासी जानकार भी खड़गे के इस फैसले को लेकर हैरान है। वह कन्फ्यूज है कि यह हरियाणा में कांग्रेस के सेनापति भूपिंदर हुड्डा को झटका है या उनका रास्ता साफ कर दिया है। स्टीयरिंग कमेटी में हुड्डा विरोधी कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला को मेंबर बनाया गया है।
CWC की जगह बनी कमेटी
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पहले फैसले में खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के बदले 47 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी का ऐलान किया। यहां यह जानना जरूरी है कि CWC कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी संस्था रही है, लेकिन खड़गे के ऐलान के बाद अब नई स्टीयरिंग कमेटी ही पार्टी संगठन से जुड़े बड़े फैसलों पर मुहर लगाएगी।
इन दिग्गजों को मिली जगह
स्टीयरिंग कमेटी में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी सहित 47 लोगों को शामिल किया गया है। इसमें खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को जगह नहीं मिली है। हरियाणा से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को जगह मिली है।
नामांकन में हुड्डा बने थे प्रस्तावक
ऑल इंडिया कांग्रेस (AICC) के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा प्रस्तावक बने थे। जबकि हरियाणा कांग्रेस के 195 डेलीगेट्स ने चुनाव से पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद भी हुड्डा ने खड़गे का चुनाव में समर्थन किया।
G-23 ग्रुप से मिलने गए थे हुड्डा
इस मामले में अहम बात यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में हरियाणा कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधान बनाने का प्रस्ताव पास किया था। चुनाव के बीच हुड्डा दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले। उनकी मुलाकात गांधी परिवार से असंतुष्ट कांग्रेसियों के ग्रुप G-23 से भी हुई थी। जिसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हो रहीं थी।