नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल (Dr. VK Paul) ने कहा है कि अगर यूनाइटेड किंगडम की तरह भारत में ओमीक्रान फैलता है तो देश की आबादी के अनुसार यहां रोजाना 14 लाख मामले हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप में 80 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लगने के बाद भी हालात बेहद गंभीर है। ऐसे में सभी को सावधानी बरताना जरूरी है।
भीड़ से बचिए, मास्क लगाइए (Avoid crowd wear mask)
डॉ पॉल ने कहा कि ओमीक्रान के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचना चाहिए, सामूहिक समारोहों से बचना चाहिए, न्यू ईयर उत्सव सादगी से मनाया जाना चाहिए।
फाइजर की तीन वैक्सीन के बाद भी संक्रमण
अमेरिका से अमेरिका लौटे एक ऐसे व्यक्ति को ओमीक्रान संक्रमित पाया गया है, जिसे फाइजर वैक्सीन की तीन खुराकें लग चुकी हैं। मुंबई महानगरपालिका के अनुसार, 29 वर्षीय व्यक्ति 9 नवंबर को हवाई अड्डे पर टेस्टिंग के दौरान कोरोना संक्रमित पाया गया था। दूसरे टेस्ट में भी वह संक्रमित पाया गया, जिसके बाद उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। इसमें ओमीक्रान की पुष्टि हुई है। इस व्यक्ति को फाइजर की तीन तीन डोज़ लग चुकी थीं। संक्रमित व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा था और टेस्टिंग से ही संक्रमण का पता चला। उसे ऐहतियात के तौर पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके संपर्क में आया कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया है।
अन्य देशों का हाल
साउथ अफ्रीका, ब्रिटेन और डेनमार्क में ओमीक्रान बहुत ज्यादा फैल चुका है। ब्रिटेन में हर दो दिन में इसके मामले दोगुने हो रहे हैं और वहां वैक्सीनेशन के सहारे इसको कंट्रोल करने की कोशिश हो रही है। डेनमार्क में नए प्रतिबंध लागू किये जाने पर विचार हो रहा है। कई देशों ने ओमीक्रान का पता चलते ही यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगा दिए थे लेकिन इसके बावजूद इस वेरिएंट का प्रसार नहीं रुका है।
– साउथ कोरिया ने ओमीक्रान के चलते वीज़ा नियम सख्त कर दिए हैं।
– ऑस्ट्रेलिया में रोजाना औसतन दो हजार केस आने लगे हैं।
– जर्मनी में 17 दिसम्बर को 50 हजार नए केस मिले थे।
– कनाडा में सात दिन के भीतर कोरोना के केस 45 फीसदी बढ़े हैं।
2024 के बाद कोरोना हो जाएगा मौसमी बीमारी
फाइजर कम्पनी के एक टॉप अधिकारी ने कहा है कि 2024 तक कोरोना एंडेमिक यानी एक ऐसी मौसमी बीमारी बन जायेगा जिससे वैक्सीनों द्वारा बचा जा सकेगा। फाइजर वैक्सीन के ग्लोबल प्रेसिडेंट नान्ते कॉसेरो ने कहा है कि वायरस के फैलाव और म्यूटेशनों को देखते हुए ये संभावना बनी है लेकिन 2024 तक हमें इससे निपटना होगा।