ओमिक्रॉन के सब-वैरियंट B.A.2 को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सब वैरियंट B.A.2 अपने मूल वैरियंट BA.1 वैरिएंट से भी अधिक तेजी से फैलता है। इस बात की भी आशंका जताई जा चुकी है कि कि यह सब वैरियंट डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक है। हालांकि भारत के नेशनल आईएमए कोविड टास्क फ़ोर्स के को-चेयरमैन डॉक्टर राजीव जयदेवन ने सुकून देने वाली बात कही है। उनका कहना है कि B.A.2 सब वैरियंट से एक और लहर आने की आशंका नहीं है। इतना ही नहीं, जो लोग पहले ओमिक्रॉन के मूल वैरियंट से B.A.1 से संक्रमित हो चुके हैं उन्हें भी शायद दूबारा इसका इंफेक्शन न हो। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि B.A.2 न तो नया वायरस है और न ही स्ट्रेन है। हालांकि यह B.A.1 वैरियंट के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि इससे एक और लहर नहीं आएगी। जाने-माने महामारी विज्ञानी डॉ एरिक फीगल-डिंग की चेतावनी के बाद राजीव का यह बयान आया है। डॉ एरिक ने डब्ल्यूएचओ से B.A.2 सब वैरियंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित करने के लिए कहा था। एरिक ने यह भी कहा था कि इसमें लोगों को गंभीर बीमार करने की क्षमता है। जापान में हुए लैब एक्सपेरिमेंट का हवाला देते हुए डॉक्टर एरिक ने यह भी कहा था कि B.A.2 सब वैरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरियंट जितना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने B.A.2 सब वैरियंट को बुरी तरह खबर बताया था।
डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा था इसके बारे में
डब्ल्यूएचओ ने पहले कहा था कि B.A.2 सब वैरिएंट पहले के मूल वैरियंट की तुलना में ज्यादा ट्रांसमिसिबल, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं है। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वेन केरखोवा ने एक वीडियो में कहा था सभी सब वैरियंट्स में B A.2 B.A.1 की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल है। हालांकि गंभीरता के मामले में कोई अंतर नहीं है। आपको बताते चलें कि जापान के वैज्ञानिकों ने पाया है कि B.A.2 वैसे तो ओमिक्रोन वैरियंट माना जाता है। पर इसका जिनोमिक सीक्वेंस B.A.1 से बहुत अलग है। यह बताता है कि B.A.2 की वायरोलॉजिकल विशेषताएं इसके मूल वैरियंट से अलग हैं।