मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर ज्ञानवापी की तरह धार स्थित भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे (ASI सर्वे) आज (शुक्रवार) को कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया। दिल्ली और भोपाल के अफसरों की सर्वे टीम सुबह 6 बजे भोजशाला परिसर में पहुंची।
सर्वे टीम दोपहर में नमाज से पहले भोजशाला परिसर से बाहर आ गई थी। अब दूसरे चरण का सर्वे शनिवार को होगा। इधर, मुस्लिम पक्ष की सर्वे पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर अर्जेंट हियरिंग वाली मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।
इससे पहले मजदूरों को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद प्रवेश दिया गया है। सभी के मोबाइल फोन बाहर रखवा लिए गए हैं। मजदूर खुदाई के लिए उपयोगी सामग्री के साथ आए हैं। इस क्षेत्र की निगरानी 60 कैमरों की मदद से की जा रही है।
भोज उत्सव समिति के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि आज सर्वे के पहले दिन भोजशाला की लंबाई-चौड़ाई का मेजरमेंट हुआ है। जिन स्थानों पर चिन्ह लगे हुए हैं, वहां की वीडियोग्राफी की गई है। साथ ही सभी चिन्हों को सुरक्षित किया है। भविष्य में जहां सर्वे होना है, उस जगह को मशीन लगाकर चिन्हित किया गया है। आगे का काम शनिवार को होगा। मुस्लिम समाज के दो लोगों को कल सूचना दी गई थी, लेकिन दोनों ही बीमारी का हवाला देकर नहीं आए।
शहर काजी बोले- सर्वे की सूचना नहीं दी गई
धार के शहर काजी वकार सादिक व जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के जुल्फिकार अहमद ने कहा कि वे हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करेंगे, लेकिन सर्वे की हमें कोई सूचना नहीं दी गई है। शहर काजी भोजशाला के सर्वे के दौरान शामिल नहीं हुए हैं।
उन्होंने दैनिक भास्कर से फोन पर कहा कि इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहना चाहता। मेरी आज तबीयत ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई वाली याचिका खारिज होने के सवाल पर कहा- हम उस याचिका में पक्षकार नहीं थे। भोजशाला में नमाज के जरूर शामिल होऊंगा। नमाज में करीब 2000 लोगों के शामिल होने का अनुमान हैं।
मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई अधीकृत नहीं: शहर काजी
शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि सर्वे के लिए मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई अधिकृत नहीं था। कमाल मौलाना वेलफेयर सोसाइटी की ओर से निजी तौर पर अब्दुल समद हैं। अब्दुल समद को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को नोटिस देना था, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार उसे नोटिस नहीं दिया गया।
1902 और 1903 की सर्वे रिपोर्ट एएसआई के पटल पर मौजूद है। पहली रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि यह मस्जिद है, उसी को लेकर 1998 याचिका लगी थी। भोजशाला कहां है यह एक मिस्ट्री है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट सुनवाई नहीं हो पाई। इस पर आगे सुनवाई होगी। दिल्ली में जाम की वजह से हमारे सीनियर वकील भी समय पर पहुंच नहीं पाए थे
अब पूरा समाज मिलकर लड़ेगा ये लड़ाई
शहर काजी ने कहा- हम समाज की एक मीटिंग बुलाकर समाज की ओर से ही कोर्ट जाने का सोच रहे हैं। हम कमल मौलाना वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष को भी बुलाएंगे और बैठकर बात करेंगे। पूरा समाज मिलकर अब लड़ेगा। हमारे पास डॉक्यूमेंट हैं कि यह मस्जिद है। यहां पर पांच टाइम की नमाज होनी चाहिए। अब हम 5 टाइम की नमाज पढ़ेंगे।
13 से 14 लोग जो स्वयंभू बने हुए हैं, वही सब प्रॉब्लम खड़ी करते हैं। 1902 का सर्वे मौजूद है। यह एक मृत चीज है यह पौधे नहीं हैं, जो बढ़ते रहे। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे में यदि कोई नई चीज आती है तो उसको वेरीफाई करें कि यहां पर 1902 में मौजूद नहीं थी, अब कैसे आई।