ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में इस समय कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा भयावह हालात केरल में है। बीते तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इतनी तेजी बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से संडे लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।
पूरे देश में महामारी का खतरा बढ़ा
केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश में महामारी का खतरा बढ़ता जा रहा है और तीसरी लहर को लेकर भी चिंता गहराती जा रही है। फिलहाल केरल से जुड़े राज्यों की सरकारें बिल्कुल सतर्क हो गई हैं।
दरअसल बीते दिनों स्वतंत्रता दिवस और ओणम के त्योहार की वजह से पिछले दो हफ्तों से संडे लॉकडाउन हटा दिया गया था। ऐसे में अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने राज्य में इस तरह से कोरोना मामलों के बढ़ने के लिए होम आइसोलेशन को कसूरवार बताया है।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने घर के सदस्यों से संक्रमित हो रहे हैं। लोग होम आइसोलेशन में कंटेनमेंट नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते कोरोना के मामलों में इतना ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है।
केरल में तेजी से बढ़ते मामलों के चलते मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर लोग प्रदेश की जनता की कोरोना से लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर इस तरह के इल्जाम लगाकर लोग जनता को सरकार के खिलाफ भड़काना चाहते हैं। ऐसे हालात में लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई को हल्के में लेने लगेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल में एक भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी। किसी ने भी न तो स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी की शिकायत की और न ही मेडिकल इमरजेंसी में कहीं बेड की कमी हुई। जो लोग केरल मॉडल की आलोचना कर रहे हैं, वह नहीं जानते कि यहां पर दूसरी लहर की शुरुआत देर से हुई थी।