दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को शराब घोटाला मामले में ED (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) के समन को फिर गैर कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा का मकसद जांच कराना नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना है।
केजरीवाल ने 4 मिनट 10 सेकेंड के वीडियो के जरिए अपनी बात रखी। दरअसल, आम आदमी पार्टी के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने 3 जनवरी की देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था- खबर आ रही है कि केजरीवाल के आवास पर कल सुबह ED की रेड पड़ेगी। गिरफ्तारी की संभावना भी है।
दिल्ली शराब नीति केस में ED ने केजरीवाल को तीसरी बार समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि केजरीवाल पेश नहीं हुए। उनकी तरफ से 5 पन्नों के ED के समन के जवाब में कहा गया कि वे राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उनसे जो भी पूछना हो लिखित में भेज दें।
इसके पहले ED ने 2 नवंबर और 21 दिसंबर को उन्हें पेश होने को कहा था। तब, केजरीवाल ने इन दोनों समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया और ED के सामने पेश हाेने से इनकार कर दिया। 21 दिसंबर का समन मिलने के बाद केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर चले गए थे।
कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं होने पर धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
PMLA के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।
अगर सीएम केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।
वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।