New Delhi/Atulya Loktantra : कश्मीर में मुहर्रम पर आज आतंकी हिंसा की फिराक में है. इस अलर्ट के बाद कश्मीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आतंकी हमले के मद्देनजर इस साल श्रीनगर की सड़कों पर जुलूस और ताजिया निकालने की इजाजत नहीं है. एहतियातन इमामबाड़ा में ताजिया निकालने को कहा गया है.
धारा 370 के बाद कश्मीर घाटी में 37 दिन बीत गए हैं और अब तक घाटी में सन्नाटा पसरा हुआ है. मुहर्रम के मौके पर भी कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के मद्देनजर घाटी के कुछ इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं. सुरक्षाबलों को अतिरिक्त तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं. ताजिया के जुलूस के दौरान आतंकी लोगों पर हमला कर सकते हैं, इससे बचने के लिए इंटेलिजेंस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.
कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. किसी भी तरह के आतंकी हमले और तनाव से बचने के लिए मुहर्रम पर भी ये पाबंदियां जारी रहेंगी. पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि घाटी के ज्यादातर इलाकों में शांति का माहौल है. रविवार को शहर में हालात सामान्य और नियंत्रण में रहे. किसी भी तरह की हिंसा रोकने के लिए हम एहतियातन ऐसा कर रहे हैं.
इसी बीच, सुरक्षाबलों पर लोगों के खिलाफ ताकत इस्तेमाल करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. एक महिला रिपोर्टर ने सुरक्षाबलों पर आरोप लगाया कि रविवार को जब वह अपने काम पर जा रही थी तो उसे प्रताड़ित किया गया. एक फोटो जर्नलिस्ट को भी पैलेट गन के छर्रे लगे हैं, जब वह मुहर्रम के जुलूस को कवर करने जा रहा था.
प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में कम्यूनिकेशन व्यवस्था ठीक की जा रही है. सभी लैंडलाइन ठीक से काम कर रहे हैं. जम्मू में सभी मोबाइल नेटवर्क ठीक से काम कर रहे हैं. लद्दाख और कुपवाड़ा के भी इलाकों में मोबाइल सेवाएं चालू कर दी गई हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को दावा किया था कि 91 फीसदी इलाकों में दिन के समय कोई प्रतिबंध लागू नहीं है. इलाके में केवल 12 पुलिस स्टेशन ऐसे हैं, जहां प्रतिबंध लगाए गए हैं.