Faridabad/ अतुल्य लोकतंत्र : अक्ल बड़ी या जूता नाटक में बच्चों ने अपने अभिनय कौशल से लोगों का मनोरंजन करते हुए उन्हें सोचने पर भी मजबूर किया। फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा हरियाणा कला परिषद के सहयोग से आयोजित इस नाटक को बच्चों के अभिनय ने और भी प्रभावी बना दिया। द कैसल ऑफ आर्ट थियेटर, दशमेश प्लाज़ा में आयोजित इस नाटक का शुभारंभ जादूगर सी0 पी0 यादव, वरिष्ठ रंगकर्मी ललित गोयल, अनिल नायर, नैंसी मिश्रा ने किया।
आज की प्रशासनिक और राजनैतिक व्यवस्था पर चोट करते इस नाटक के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है। समाज के लोगों को दशा और दिशा देने के लिए मार्गदर्शन का काम करते इस नाटक में राजा अपने बेटे के लगातार रोते रहने से परेशान हो जाता है। उसे पता चलता है कि सूरज की गर्मी में उसके बेटे के पैर जलने से वह खेल भी नहीं पा रहा और हमेशा रोता रहता है। राजा अपने मंत्री, प्रधान, विदूषक और मंत्रिमंडल को बुला कर सूरज की गर्मी से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के उपायों पर विचार करने को कहता है जैसे आकाश में मंडप बना दो, सारे शहर में हमेशा पानी डालते रहो, सूरज पर गोला-बारूद चला कर उसे खत्म कर दो।
जब कोई भी उपाय कारगर साबित नहीं होता तो राजा अधिक परेशान हो जाता है। फिर दूर देश से एक आदमी आकर राजा की परेशानी को दूर करने का दावा करता है। वह राजकुमार के पैरों में जूता पहनाता है और जूता पहनने के बाद राजकुमार को धूप में खेलने में कोई परेशानी नहीं होती। राजा खुश होकर उसे प्रधान बना देता है और राज्य के सभी लोगों के लिए जूता बनाने का ऑर्डर दे देता है।
इस नाटक में सुरेश कुमार सन्नी का संगीत नाटक की गति में निरंतर रोचकता और सुंदरता प्रदान करता है। डाॅ0 अंकुश शर्मा द्वारा निर्देशित इस नाटक में अभिनय करने वाले बच्चों में देवान्शी नागपाल, आव्या मोदी, सायशा, अचल शर्मा, आयुष, दक्ष, लक्ष्य सतीजा, आकाश और अभिषेक ने अपने अभिनय कौशल से लोगों का खूब मनोरंजन किया।