फरीदाबाद/अतुल्यलोकतंत्र : अरावली पर न जाने कितने भूमाफिया बड़े बड़े खेल खेल रहे हैं और कई जगहों पर सैकड़ों एकड़ पहाड़ पर अवैध दीवार बना कब्जा किया जा रहा है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पराशर का जिन्होंने शुक्रवार को अरावली का दौरा किया और पाली-सूरजकुंड रोड के पास एक ऐसी दीवार देखी जो काफी लम्बी थी। पाराशर ने कहा कि ये दीवार जितनी लम्बी है उसे देख लगता है कि कोई बड़ा माफिया 100 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्ज़ा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ये दीवार चुपचाप बनाई जा रही है और पहाड़ से पत्थर तोड़कर बनाई जा रही है। पाराशर ने कहा कि 100 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्ज़ा कर अरबों रूपये का खेल खेला जा रहा है और वन विभाग के अधिकारियों को अब तक ये दीवार नहीं दिखी। उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस विभाग के अधिकारी सिर्फ ग्रामीणों पर भारी पड़ते दिखते हैं बड़े माफियाओं पर ये कोई कार्यवाही नहीं करते। पाराशर ने कहा कि बिना खनन विभाग और वन विभाग की मिलीभगत से इतनी लम्बी दीवार नहीं बन सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ लोगों ने बताया कि अरावली पर सैकड़ों एकड़ जमीन पर कोई बड़ा माफिया कब्ज़ा कर रहा है जिसके बाद मैंने शुक्रवार को मौके का जायजा लिया जहां सच में ऐसा हो रहा है और ये दीवार हाल में ही खड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने ही हरियाणा सरकार से मिलकर पीएलपीए ऐक्ट बदलवाना चाहा ताकि ये खुलकर अरावली को लूट सकें और वहां बड़े बड़े होटल और फ़ार्म हाउस बनवा सकें।
उन्होंने कहा कि अरावली के पहाड़ों पर पेड़ों की कटाई और निर्माण जारी हैं और लगता है कि एक बड़ा खेल खेला गया है और सरकार ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि इन माफियाओं को लूट ला लाइसेंस किसने दिया ये जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि जिस निर्माण की तस्वीरें और वीडियो मैं शुक्रवार को जारी कर रहा हूँ ये उन निर्माणों से अलग है जिनकी तस्वीरें मैंने पहले जारी की थीं। उन्होंने कहा कि इस निर्माण की शिकायत मैं सूरजकुंड थाने में करूंगा क्यू कि मुख्य वन विभाग, खनन विभाग और नगर निगम पर भरोषा नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल सुप्रीम कोर्ट ने अरावली मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अरावली हिल के जंगल वाले इलाके में कुछ भी करने की कोशिश की, तो वह गंभीर परेशानी में आ जाएगी लेकिन हरियाणा सरकार पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं दिख रहा है। भूमाफियाओं का खेल जारी है।