भारत एक नया कीर्तिमान रचने के लिए तैयार है। भारतीय वैज्ञानिकों ने दोपहर ढाई बजे श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया। भारत ही नहीं पूरी दुनिया की नजर इस मिशन पर टिकी है। चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत इसका रोबोटिक उपकरण 24 अगस्त तक चांद के उस हिस्से (शेकलटन क्रेटर) पर उतर सकता है जहां अभी तक किसी भी देश का कोई अभियान नहीं पहुंचा है। इसी वजह से पूरी दुनिया की निगाहें भारत के इस मिशन पर हैं।
चंद्रयान-3 को LVM3 रॉकेट से लॉन्च किया गया। लैंडर को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतारने के लिए इसमें कई तरह के सुरक्षा उपकरणों को लगाया गया है। चंद्रयान-3 मिशन की थीम Science Of The Moon यानी चंद्रमा का विज्ञान है।
दोपहर 2.35 बजे LVM3 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया। तब इसकी शुरुआती रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा थी। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट हुआ और रॉकेट की रफ्तार 6,437 किमी प्रति घंटा हो गई। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो गए और रॉकेट की रफ्तार सात हजार किमी प्रति घंटा पहुंच गई।