पलवल ( अतुल्य लोकतंत्र )/मुकेश बघेल •
भारतीय सेना की वीरता और शौर्य की मिशाल विजय दिवस के अवसर पर आज पलवल में जिला सैनिक बोर्ड एवं पूर्व सैनिकों ने हुड्डा सेक्टर 2 से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में निकट शहीद स्मारक स्थल तक रैली निकाली। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शहीद स्मारक स्थल पर पहुंचने ने पूर्व सैनिकों व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने देश भक्ति के नारे लगाए और भारत पाक युद्घ में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की गई। रैली के दौरान पूर्व सैनिकों का जज्बा और जोश देखने लायक था। रैली में विभिन्न स्कूलों ने बच्चों ने हाथों में तिरंगा व स्लोगन लेकर लोगों को मातृभूमि की रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया।
पूर्व मेजर उदयवीर सिहं ने बताया कि 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी के कुल 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था। उन्होंने कहा कि विजय दिवस के अवसर पर पलवल जिले में एक रैली निकाली गई है और शहीद सैनिकों को श्रद्घांजलि अपिर्त की गई है।पूर्व सूबेदार रामबीर सिहं ने बताया कि 16 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। विजय दिवस के अवसर पर शहीद हुए सैनिकों को सम्मान देते हुए रैली निकाली गई है। जिसके माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि देश की रक्षा करने वाले शहीदों को हमेशा सम्मान देना चाहिए। युवाओं को शहीदों व सेना के जवानों से प्रेरणा लेनी चाहिए।पूर्व कैप्टन राजपाल सिहं ने कहा कि यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली है। देश को आजाद कराने में अनेक देश भक्तों ने कुर्बानियां दी है। युवाओं के दिलों में देश के प्रति जज्बा होना चाहिए। देश की सेवा के लिए युवा हमेशा तैयार रहें। शहीदों का सम्मान करें