Faridabad/Atulya Loktantra : लोकसभा क्षेत्र फरीदाबाद के कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं इसलिए उन्होंने अपने नामांकन की तारीख खिसका दी है, उन्होंने 22 तारीख को अपने नामांकन की तारीख तय की है जबकि 23 को नामांकन की अंतिम तारीख है, कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि ललित नागर का टिकट कटकर अवतार भडाना या करण दलाल को मिल सकता है.
वैसे अगर ललित नागर का टिकट कटा तो भी कांग्रेस को फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि आपसी मनमुटाव और फूट की वजह से कांग्रेस के खिलाफ माहौल बन गया है, क्षेत्र के लोग सोच रहे हैं कि इन नेताओं की आपस में ही नहीं बन रही है तो ये हमारा भला कैसे करेंगे.
अगर कांग्रेस पार्टी चुपचाप किसी एक उम्मीदवार को टिकट दे देती तो शायद सभी कांग्रेसी नेता उसे स्वीकार कर लेते लेकिन कांग्रेस ने चार लोगों का नाम सुर्ख़ियों में लाकर उनको टिकट देने का भरोसा दिया और अंत में रॉबर्ट वाड्रा की शिफारिश पर टिकट ललित नागर को दे दी, रॉबर्ट वाड्रा की इस शिफारिश पर बाकी तीनों लोग नाराज हो गए इसके अलावा उनके समर्थक भी नाराज हैं.
अब कांग्रेस पार्टी का संकट गहरा गया है, अवतार भडाना कोपभवन में बैठ गए हैं क्योंकि वह फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट मिलने के आश्वासन पर ही भाजपा छोड़कर आये थे, अब उनके सामने राजनीतिक अँधेरा है, अगर दल-बदलते हैं तो उनपर सबसे बड़ा दलबदलू होने का आरोप लग जाएगा, इन्तजार करने की सहनशक्ति उनके अन्दर है नहीं. अवतार भडाना कुछ दिनों से शांत बैठे हैं और उनकी शान्ति किसी बड़े राजनीतिक भूचाल आने का संकेत दे रही है. कुछ लोग कह रहे हैं कि ललित का टिकट अवतार को मिल सकता है.
दूसरी तरफ करण दलाल भी कल एक कार्यकर्ता मीटिंग बुला रहे हैं. वह भी कुछ नया फैसला ले सकते हैं. करण दलाल ही टिकट के सबसे मजबूत दावेदार थे और उन्हें टिकट मिलने की चर्चा से कांग्रेसियों में खासा उत्साह था लेकिन जैसे ही टिकट ललित नागर के पास गयी उनके समर्थक नाराज हो गए क्योंकि ललित नागर को तिगांव के अलावा कहीं अधिकतर क्षेत्रों के लोग जानते ही नहीं.
अब राजनीतिक हलके में कुछ सवाल उठ रहे हैं – क्या ललित नागर की टिकट सलामत रहती है, क्या ललित की टिकट अवतार या करण दलाल को जाती है. क्या कांग्रेस पार्टी में एकजुटता आएगी, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.