गैर सोशल नेटवर्क डोमेन को सोशल नेटवर्क में बदलने में मदद करता है इंटरैक्शन नेटवर्क सिस्टम
फरीदाबाद, 25 मई – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद को इंटरैक्शन नेटवर्क की प्रणाली विकसित करने एवं विश्लेषण करने के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है। इस प्रणाली के माध्यम से, प्रत्येक गैर सोशल नेटवर्क डोमेन उपयोगकर्ताओं को जानकारी और उसका विश्लेषण करने के लिए एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगी। पेटेंट का आइडिया विश्वविद्यालय की चार सदस्यीय टीम द्वारा तैयार किया गया था जिसमें तीन संकाय सदस्य और एक शोध छात्र शामिल थे।
कुलपति प्रो. एस.के. तोमर और कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने अनुसंधान क्षेत्र में उपलब्धि पर टीम को बधाई दी है। प्रो. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और एप्लाइड रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस शोध टीम के सदस्यों में शोधार्थी अतुल श्रीवास्तव के अलावा संकाय सदस्य डॉ अनुराधा पिल्लई, डॉ दीपिका पुंज और प्रो आशुतोष दीक्षित शामिल हैं।
पेटेंट में प्रस्तुत आइडिया पैरामीटरयुक्त क्रॉलर प्रोग्राम का उपयोग करके ‘वल्र्ड वाइड वेब’ से जानकारी एकत्र करता है और वेब पेजों की संरचना की तरह एक सामाजिक नेटवर्क तैयार करता है, जिसे इंटरेक्शन नेटवर्क कहा जाता है।
पेटेंट के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ पिल्लई ने बताया कि सोशल नेटवर्क की संरचना व्यवहार विश्लेषण के लिए बहुत उपयुक्त है। सोशल नेटवर्क एनालिसिस (एसएनए) की तकनीकें पहले से ही विकसित है और उपयोग की जा रही हैं जो बहुत प्रभावी और उपयोगी हैं। लेकिन, इन तकनीकों का उपयोग उस डोमेन पर नहीं किया जा सकता है जहां डेटा की संरचना सोशल नेटवर्क के समान नहीं है। इंटरैक्शन नेटवर्क सिस्टम एक ऐसे डोमेन के डेटा को प्रोसेस करने के लिए ट्रांसफॉर्मर की तरह काम करेगा जो स्वाभाविक रूप से सोशल नेटवर्क नहीं है और इसे सोशल नेटवर्क की तरह दर्शाता है। इस प्रकार, इंटरेक्शन नेटवर्क किसी भी पारंपरिक सोशल नेटवर्क के समान व्यवहार करेगा। उन्होंने कहा कि इस इंटरैक्शन नेटवर्क का उद्देश्य डेटा एनालिटिक्स के लिए वेब पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग करना है।
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के ‘इंटरैक्शन नेटवर्क’ सिस्टम को पेटेंट मिला
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