पलवल, 16 नवम्बर / अतुल्य लोकतंत्र ( मुकेश बघेल ): राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज पलवल में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थानीय विश्राम गृह के सभागार में आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के मुख्य सचिव पीयूष शर्मा व मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर श्री मुकेश वशिष्ठ मौजूद रहे।
इस मौके पर सूचना, जनसंपर्क अधिकारी बिजेंद्र कुमार भी मौजूद थे। इस अवसर पर कोविड़ 19 वैश्विक महामारी के दौरान दिवंगत पत्रकारों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के मुख्य सचिव पीयूष शर्मा पत्रकारों को प्रैस दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंम्भ है। प्रेस सरकार व जनता के बीम एक सेतु का काम करती है। सरकार द्वारा जनहित में बनाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में प्रेस का अहम योगदान है। पत्रकार पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कत्र्वय का निर्वाह करते हुए सरकार की योजनाओ को लोगों तक पहुंचाता है। वर्तमान समय में मीडिया समाज के निर्माण में अहम रोल अदा कर रहा है। लोगों को उनके अधिकारों व कानूनों के बारे में जागरूक करने के लिए मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जिला विधिक सेवाऐं प्राधिकारण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंर्तगत पलवल जिले के 311 गांवों में जागरूकता अभियान चलाया और प्रत्येक गांवों में तीन बार जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को जिला विधिक सेवाऐं द्वारा चलाई जा रही स्कीमों के बारे में अवगत करया गया है,इस जागरूकता अभियान में मीडिया ने अपना सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मीडिया को समाज का दर्पण माना जाता है। आज पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है। पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एंव विधा है। पत्रकारिता में तथ्यपरकता होनी चाहिए। पत्रकार अपने पेशे के प्रति ईमानदार रहे। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अपने अधिकारियों व हकों के प्रति सजग रहना चाहिए। एक कमेटी का गठन कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखें।
मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर श्री मुकेश वशिष्ठ ने कहा कि प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप चार जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है।
हमें प्रेस दिवस के अवसर पर चिंतन करने की आवश्यकता है कि समाज के निर्माण में हम क्या भूमिका निभा रहें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों को सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे है। वर्तमान समय में 139 पत्रकारों को पेंशन स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख रूपए की सहायता राशी व गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ढाई लाख रूपए की सहायता राशी प्रदान की जा रही है। सरकार पत्रकारों को कर्मचारियों की तर्ज पर कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने जा रही है।