Faridabad ( अतुल्य लोकतंत्र ): नो एग्ज़िट में परत दर परत़ खुले राज़ उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सहयोग से हो रहे तीसरे हरियाणा रंग उत्सव के शुभारंभ पर नो एग्ज़िट नाटक ने समां बांधा। फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा आयोजित इस रंगोत्सव के पहले दिन जयपुर से आए नाट्य समूह ने योगेन्द्र सिंह परमार के निर्देशन में नो एग्ज़िट नाटक प्रस्तुत किया।
ज्यां पाल सात्र्र द्वारा लिखित इस नाटक की पृष्ठभूमि चरित्रों का सामूहिक द्वंद्व है। दरअसल लेखक के अनुसार व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपने अस्तित्व पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए। तीन मृत पात्र अनंत काल के लिए एक साथ एक ही स्थान पर बंद कर दिए गए हैं। इन तीनों का एक साथ एक छत के नीचे रहना दूभर हो रहा है। इस तरह परत दर परत राज़ खुलने पर पात्रों का एक साथ रहना ही मुश्किल हो जाता है। यह एक नारकीय यातना है, जहां आपको उन लोगों के साथ रहना होगा जो आपकी जिं़दगी के काले पन्नों मंे झांक सकते हैं। इस कमरे में मृत पात्रों को एक साथ बंद करके दंडित किया जाता है।
इस नाटक में योगेंद्र सिंह परमार, मुदिता चैधरी, सुरभि सोनी और ऋतिक शर्मा ने अपने अभिनय से चरित्रों के अंतद्र्वद्व को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम की शुरूआत वरिष्ठ रंगकर्मी सुन्दर लाल छाबड़ा और अन्य अतिथियों ने की। इस उत्सव के निदेशक ने बताया कि उत्सव के अंतिम दिन शहर के युवा कलाकारों द्वारा हरिशंकर परसाई की कहानियों पर आधारित नाटक निठ्ल्ला प्रस्तुत की जाएगी।