पलवल( अतुल्य लोकतंत्र ) मुकेश बघेल/ आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के क्रम में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर शनिवार को जिला स्तरीय किसान सम्मेलन स्थानीय नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर एसडीएम शशि वसुंधरा ने शिरकत की। कृषि उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेट कर मुख्य अतिथि का स्वागत अभिवादन किया तथा कृषि विभाग की महिला कर्मचारियों द्वारा मुख्य अतिथि को फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत अभिनंदन व्यक्त किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एसडीम शशि वसुंधरा ने कृषि विभाग द्वारा लगाई गई सभी स्टॉलों पर जाकर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके खेती करनी चाहिए, ताकि उनकी आय में बढोतरी हो सके। इस अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया, जहां करीब 51 रक्त दाताओं ने अपना रक्तदान कर रक्तदान-महादान का संदेश सार्थक किया। एसडीएम पलवल द्वारा रक्त दाताओं का हौसला बढ़ाने के लिए उन्हें बैज लगाकर एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर एसडीएम ने कृषि विभाग से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्टï सेवाओं तथा जिला के प्रगतिशील किसानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कृषि उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में पलवल जिले से करीब 01 हजार 400 किसानों ने भाग लिया है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई है। मेले में विभिन्न कृषि उपकरणों की स्टॉल लगाई गई है। जहां किसानों ने स्टॉलों पर जाकर कृषि से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल की है, ताकि किसान कृषि की नवीनतम तकनीक से खेती कर सके और आर्थिक लाभ कमा सके। किसान मेले में सेल्फ हेल्फ ग्रुप द्वारा भी स्टॉल लगाई गई, जिसमें जूट से बने हुए उत्पाद, अचार व शहद के बारे में किसानों ने जानकारी ली। सम्मेलन में खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयों का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने भी किसानों को अपने उत्पादों के बारे में जानकारी दी। किसानों को उन्नत किस्म के बीजों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। रबी सीजन में सरसों व गेहूं के बीजों की बिक्री के लिए भी स्टॉल लगाए गए।
कृषि उपनिदेशक ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि धान की कटाई के उपरांत किसान खेतों में पराली में आग लगा देते है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है और भूमि की उर्वरक शक्ति भी नष्ट होती है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बताया गया है कि किसान कृषि विभाग द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर पर जाकर कृषि यंत्रों की मदद से फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन किया जा सकता है। प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को न जलाएं, बल्कि उनका उचित प्रबंधन करने से भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढाएं। सम्मेलन में विभाग द्वारा किसानों से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यम से प्रश्न पूछे गए और सही प्रश्न के जवाब देने वाले किसानों को भी सम्मानित किया गया। किसान सम्मेलन में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की प्रदर्शनियां, फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण, किसान गोष्ठी/सेमिनार तथा प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया और विजेता किसानों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
किसान सम्मेलन में किसानों को कृषि संबंधित नवीनतम तकनीकी की जानकारी दी गई।
जिला बागवानी अधिकारी डा. अब्दुल रज्जाक ने किसानों को बागवानी विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान परंपरागत खेती को छोडक़र बागवानी की खेती करें। सरकार द्वारा किसानों को बागवानी की खेती करने पर अनुदान दिया जा रहा है। किसान फल, सब्जियों व फूलों की खेती करें और विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जिले के काफी किसान बागवानी की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे है।
कृषि विज्ञान केंद्र मंडकौला के वरिष्ठ संयोजक डा. डी. वी. पाठक ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र मंडकौला द्वारा किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती करने के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र मंडकोला में किसानों को खुम्ब उत्पादन, मधुमक्खी पालन, जैविक खाद बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जूट व कपड़े से खिलौने बनाने, अचार व मुरब्बा बनाने के बारे में भी सिखाया जाता है। किसान कृषि विज्ञान केंद्र में आकर कृषि से संबंधित विभिन्न जानकारी हांसिल कर सकते है।
कृषि विशेषज्ञ डा. महावीर मलिक ने किसानों को रबी की फसलों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। किसानों को फसलों में आने वाले रोग, उनसे बचाव के तरीके के बारे में बताया। प्रगतिशील किसान क्लब के प्रधान बिजेंद्र दलाल द्वारा भी जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में किसानों को विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। मुख्यत: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक कृषि यंत्र बनाए गए है, जिनकी मदद से किसान फसल अवशेषों का प्रबंधन कर आय अर्जित कर सकते है। एक दिवसीय किसान सम्मेलन में फसलों के अधिक उत्पादन के लिए कृषि उत्पाद बनाने वाली अनेक कंपनियों ने किसानों को जागरूक किया। कृषि विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों के बारे में किसानों को फसल की बुवाई का समय, फसलों में होने वाले रोग व कीटनाशक दवाइयों के प्रयोग के बारे में बताया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कृषक केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से किसानों के हित में चलाए जा रहे अभियान से जुड़े और सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाएं। मेले में किसानों को नैनो यूरिया के बारे में बताया गया कि एक ओर जहां नैनों यूरिया के छिडक़ाव से फसलों का उत्पादन बढ़ता है, वहीं दूसरी ओर इस पर लागत भी कम होती है। कृषि विभाग पलवल द्वारा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एसडीएम शशि वसुंधरा को स्मृति चिन्ह भेट कर उनका धन्यवाद व आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा, जिला बागवानी अधिकारी डा. अब्दुल रज्जाक, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. डी. वी. पाठक, मिट्टी एवं जल परीक्षण अधिकारी सुमेर सिंह, कृषि विशेषज्ञ डा. महावीर मलिक, प्रगतिशील किसान क्लब के प्रधान बिजेंद्र दलाल सहित जिला के विभिन्न स्थानों से पधारे कृषक भी मौजूद रहे।