फरीदाबाद( अतुल्य लोकतंत्र ): दीपक शर्मा / हरियाणा सरकार के कौशल विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में करवाए जाने वाले कोर्सों की संख्या बहुत जल्द बढ़ने वाली है।
उन्होंने बताया कि प्रदेशभर की आईटीआई में अभी तक 76 तरह के इंजीनियरिंग व नॉन इंजीनियरिंग कोर्स करवाए जा रहे हैं। इनमें 6 महीने, एक वर्ष व दो वर्ष में पूरे होने वाले कोर्स शामिल हैं, लेकिन बहुत जल्द प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत आईटीआई में शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 2 से 6 महीने में पूरे होने वाले ये कोर्स पहले पीएमकेवीवाई के तहत प्राइवेट सेंटरों में होते थे।
अब सरकार ने पीएमकेवीवाई को प्राइवेट सेंटरों की बजाय आईटीआई को सौंपने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के अधिकारियों व देशभर से आईटीआई के जिला नोडल अधिकारियों के बीच हुई तीन दिन पहले वीडियो कांफ्रेंस में यह निर्णय लिया गया है। आईटीआई के अधीन कोर्स आने का ये रहा कारण पीएमकेवीवाई को आईटीआई के अधीन देने का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि प्राइवेट सेंटरों में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देने के लिए आधुनिक उपकरण नहीं थे। जिस कारण विद्यार्थियों को अच्छा प्रशिक्षण नहीं मिल पाता था। करोड़ों रुपए की योजना होने के बावजूद युवा इससे लगातार दूरी बनाते जा रहे थे। प्रदेश में 414 आईटीआई हैं। सरकार अब राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) से जोड़ने जा रही है। इसके तहत ही पीएमकेवीवाई के कोर्स आईटीआई में शुरू होंगे। प्रदेशभर में 414 आईटीआई हैं। इनमें 76 प्रकार के कोर्स करवाए जाते हैं। ये कोर्स 6 महीने से 2 वर्ष तक के हैं। कम अवधि के कोर्स न होने की वजह से काफी युवा कौशल विकास से वंचित रह जाते थे। युवाओं को आईटीआई में प्रशिक्षण मिलने की यह कमी अब पूरी हो सकेगी।
जिन आईटीआई में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है, वहां दो शिफ्टों में पढ़ाई करवाई जाएगी। आईटीआई के अन्य कोर्स सुबह की शिफ्ट में जबकि पीएमकेवीवाई के शॉर्ट टर्म कोर्स शाम की शिफ्ट में होंगे। आईटीआई स्टाफ ही पीएमकेवीवाई के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। इसके लिए स्टाफ को अतिरिक्त वेतन, भत्ते देने की बात कही जा रही है। आईटीआई में आधुनिक उपकरण व मशीनों से सुसज्जित वर्कशॉप में विद्यार्थियों को अच्छी ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
आपको बता दें कौशल विकास को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए 2015 में पीएमकेवीवाई की शुरुआत हुई थी। पहले वर्ष ही इस योजना के तहत 19.85 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद चार वर्षों में देशभर में करीब एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। पीएमकेवीवाई का बजट 12 हजार करोड़ रुपए है। इस योजना के तहत 2 से 6 महीने के कोर्स करवाए जाते हैं।
आईटीआई को एनएसडीएम से जोड़ने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन वीसी हुई है। जल्द ही आईटीआई में पीएमकेवीवाई के तहत कम अवधि के कोर्स शुरू होंगे। आईटीआई में प्रशिक्षण देने के लिए अच्छी वर्कशॉप व प्रशिक्षित स्टाफ है। इससे कौशल विकास को और बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे।