Faridabad (अतुल्य लोकतंत्र ): भारतीय जल शिक्षा एवं शोध संस्थान, फरीदाबाद के अध्यक्ष एवम विश्व जल परिषद, फ्रांस के सदस्य डॉ जगदीश चौधरी की अध्यक्षता में जल नेतृत्व कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निर्धारण कार्य को अंतिम रूप दिया गया । डॉ चौधरी ने बताया कि भारतीय जल शिक्षा एवं शोध संस्थान, फरीदाबाद पूरे भारतवर्ष सहित पूरी दुनिया का अपने जैसा पहला जल शिक्षण केंद्र है। इसमें सर्वप्रथम पूरे भारतवर्ष और फिर संसार में सभी स्तर ग्राम, वार्ड, तहसील, जिला, संभाग, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सभी दिशाओं के लिए जल नेतृत्व तैयार किया जाएगा जो अपने क्षेत्र में जल समस्या संबंधी सभी कार्यों का न केवल निपटान करेंगे अपितु उनको पुन: गौरवशाली स्थिति में लेकर जाएंगे ।
आज के कार्यक्रम में एनसीईआरटी दिल्ली से प्रोफेसर प्रमोद दुबे, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह, प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक एवं पर्यावरण जल विशेषज्ञ टी के रॉय , राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र रावत सहित पाठ्यक्रम समिति के सदस्य चंद्रप्रकाश, चेतन प्रकाश ने भी हिस्सा लिया।
प्रमोद दुबे ने मुख्य रूप से भारतीय जल विज्ञान एवं परंपरा को केंद्रित किया जिससे भारत जल के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व कर सके। वही प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह ने सभी स्तर पर एक जल प्रशासनिक ढांचा और राज्य एवं विभागीय स्तर पर एक समर्पित एवं सक्षम जल विशेषज्ञों को गठित करने और पाठ्यक्रम में सिद्धांत एवं प्रायोगिक का संतुलन को बनाने की दिशा में मार्गदर्शन दिया।
भारतीय जल शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक संजय गुप्ता ने भारत के विषय विशेषज्ञों के जिम्मेदारी निर्धारण एवं सरकारी मंत्रालय की स्थिति को स्पष्ट किया। शिक्षण संस्थान की वैश्विक मेहता को स्पष्ट कर सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
ज्ञातव्य हो कि यह जल शिक्षा संस्थान फरीदाबाद में बालाजी कॉलेज केंपस से संचालित किया जा रहा है जिससे जल की वैश्विक समस्या का निदान एवं जल समाधान का शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोध कार्य शुरू हुआ है ।