दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा- जिन राज्यों में हमारी सरकार है, वहां जातिगत गणना होगी। छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना में हमारी सरकार आ रही है। हमारे पास जाति जनगणना का डेटा नहीं, सरकार अगर उस डेटा को रिलीज नहीं करती है तो जब हमारी सरकार आएगी, तब हम उसे रिलीज करेंगे।
राहुल ने कहा कि इस देश में किसकी कितनी आबादी है। सवाल यह है कि देश का जो धन है क्या वो इन लोगों के हाथ में है या नहीं। देश के संस्थानों में आदिवासी, ओबीसी, दलित कितने हैं? यही सवाल है। हिंदुस्तान के संस्थानों में कितने हैं। यही हम पूछ रहे हैं। प्रधानमंत्री कह रहे हैं आप देश को तोड़ना चाहते हैं, इस पर आप क्या कहेंगे?
इससे पहले मीटिंग में सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेता मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान खड़गे ने कहा- कल्याणकारी योजनाओं में सही हिस्सेदारी के लिए समाज के कमजोर वर्गों की स्थिति पर सामाजिक-आर्थिक डेटा होना जरूरी है। कांग्रेस लगातार देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग उठा रही है, लेकिन इस मुद्दे पर BJP चुप है।
इससे पहले 16 सितंबर को हैदराबाद में CWC की बैठक बुलाई गई थी। इस मीटिंग में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। मीटिंग में पेश प्रस्ताव में कहा गया था कि केंद्र सरकार राजनीतिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। इसमें दावा किया गया था कि भाजपा देश के संवैधानिक और संघीय ढांचे के लिए चुनौती है।
इस बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि मोदी सरकार महंगाई को रोकने, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा और असमानता के मुद्दे पर पूरी तरह फेल रही है। खड़गे ने ये भी कहा कि जिस तरह से इंडियन नेशनल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) को कामयाबी मिल रही है, भाजपा सरकार विपक्षी दलों पर कार्रवाई करने में लगी है।