सरकारी ड्राइवर को ऐसी विदाई दी गई है जिसे शायद वह कभी अपनी जिंंदगी में नहीं भूल पाएंगे। जी हां, हम बात कर रहे है सरकारी ड्राइवर मदनदास की जिन्हें उनके रिटायरमेंट के दिन उनके साहब ने वो सम्मान दिया जिसके बारे में उन्होंने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। बता दें कि, मदनदास बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई के सरकारी ड्राइवर है और उनके रिटायरमेंट वाले दिन मदनदास के साहब ने उन्हें एक दिन का सहब बनाकर खुद कार चलाकर सम्मान दिया। मदनदास के सेवानिवृत्त होने पर एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई उनके कार चालक बने और अपनी सीट पर बिठाकर खुद कार चलाया और उन्हें घर तक छोड़कर आए। अपने साहब से ऐसा सम्मान पाने के बाद मदनदास काफी भावुक हो गए और शायद ही वह अपनी इस विदाई को जीवन में कभी भूल पाएंगे।
40 साल तक मदनदास ने फ्रंट सीट पर केवल स्टीयरिंग संभाली। साहब के लिए गेट खोला और उन्हें सम्मान देकर बिठाया। अपने साहब की हर आदेश का अच्छे से पालन करना उनकी एक आदत बन गई थी। लेकिन मदनदास के रिटायरमेंट वाले दिन जब साहब ने उनके लिए गेट खोला तो वह काफी भावुक हो गए। अपनी सीट पर बिठाया और खुद स्टेयरिंग संभाला। घर तक छोड़ने से लेकर सभी सेवाएं देने वाला यह पल मदनदास के लिए काफी भावुक था।बाड़मेर के एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई ने अपने ड्राइवर को ऐसा तोहफा दिया जिसे वह जिंदगी के सबसे अच्छे पलों में शामिल करना चाहेंगे। बता दें कि, मदनदास को ऐसी विदाई की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। मदनदास के मुताबिक उनके लिए यह बड़ा ही गौरवांवित करने वाला पल था। बता दें कि, पूरे जिले में इसकी काफी चर्चा हो रही है। एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई ने सबसे पहले अपनी बत्ती लगी कार को फूलों से सजाया फिर खुद कार चलाकर ड्राइवर मदनदास को ऑफिस से घर पहुंचाया। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि, मदनदास ने 40 साल तक सेवा दी। ऐसा कभी नहीं लगा कि वह मेरा ड्राइवर है और वह हमेशा एक परिवार की सदस्य ही रहे है। वह इस तोहफे के पूरे हकदार है।