चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार को PM नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के भाषणों पर नोटिस जारी किया। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया है।
PM मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
ये शिकायतें मिलने के बाद इलेक्शन कमीशन ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने कहा, “अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए, खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में। ऊंचे पद पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।”
भारत में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। इन्हें 1951 में बनाए गए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में डिफाइन किया गया है। इनमें एक हिस्सा चुनावी आचार संहिता का है। चुनाव के समय हर कैंडिडेट को इसका पालन करना होता है। किसी भी जगह आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग एक्शन लेता है।