प्रवर्तन निदेशालय (ED) में दिल्ली शराब नीति केस में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका का विरोध किया है। बुधवार (24 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया।
ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नौ बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। उनके इसी रवैए से जांच अधिकारी को गिरफ्तारी की वजह मिली है। साथ ही जांच अधिकारी के पास मौजूद चीजों ने भी यह साबित करने में मदद की है कि वे दोषी हैं।
ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी अपराध की जांच एक ऐसा क्षेत्र है जो जांच एजेंसी के लिए रिजर्व है। उनकी गिरफ्तारी भी जांच का हिस्सा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को अरविंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा था। ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी है।