जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर भारत को पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी है।
26 दिसंबर को श्रीनगर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- अटल बिहारी वायपेयी जी ने कहा था- दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी बदले नहीं जा सकते।
हम पड़ोसियों के साथ दोस्ती में रहेंगे तो दोनों आगे बढ़ेंगे, दुश्मनी करके हम आगे नहीं बढ़ सकते।
मोदी जी ने कहा था कि युद्ध विकल्प नहीं है, हमें बातचीत से मसले हल करने हैं। कहां है वो बातचीत। इमरान खान को छोड़ दीजिए, आज नवाज शरीफ वहां के वजीर-ए-आजम बनने वाला हूं।
वो चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैं कि हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं। क्या वजह है कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं है।अगर बातचीत से हमने ये सुलझाया नहीं तो हमारा भी वही हाल होगा जो गाजा और फिलिस्तीनियों का हो रहा है। जिन पर इजराइल की तरफ से बमबारी की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ भी हो सकता है, अल्लाह ही जाने हमारा हाल क्या होगा। अल्लाह रहम करे हमपर।