दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस में पूछताछ के लिए आज जांच एजेंसी ED के सामने पेश नहीं हुए। इसके बदले केजरीवाल ने ED को एक लेटर भेजकर समन को वापस लेने को कहा।
साथ ही केजरीवाल ने जांच एजेंसी से सवाल किया कि, आपने समन में मुझे यह नहीं बताया कि मैं संदिग्ध हूं या गवाह। ED के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी केजरीवाल को नया समन जारी कर सकती है।
ED ने 30 अक्टूबर को केजरीवाल को पूछताछ के लिए आने का समन भेजा था। इसे लेकर आज सुबह करीब 9 बजे केजरीवाल ने ED को जवाब भेजा था कि ये नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है।
इसके बाद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मध्यप्रदेश के सिंगरौली पहुंचे और यहां उन्होंने रोडशो और रैली में हिस्सा लिया।
केजरीवाल ने पूछा- मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को भेजे अपने लेटर में केजरीवाल ने लिखा, समन से यह क्लियर नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है यानी इस मामले में आप मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध। आप मुझे दिल्ली के CM के तौर पर बुला रहे हैं या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में। ऐसा लग रहा है कि यह मछली पकड़ने की जाल की तरह है।
भाजपा नेताओं को लीक किया गया समन
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ये समन भाजपा के इशारे पर भेजा गया। केजरीवाल ने लिखा- 30 अक्टूबर की दोपहर को भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया था कि जल्द ही मुझे तलब किया जाएगा और अरेस्ट किया जाएगा। उसी दिन शाम को मुझे समन मिला। इससे साफ जाहिर है कि मेरी छवि बदनाम करने के लिए समन भाजपा नेताओं को पहले लीक कर दिया गया था।
बतौर CM मुझे कई काम, जहां मेरा होना जरूरी
दिल्ली CM ने आगे लिखा, ‘देश में पांच राज्य यानी मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी हर जगह चुनाव लड़ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और स्टार प्रचारक होने के नाते, मुझे चुनाव प्रचार के लिए यात्रा करनी है।
दूसरी ओर मैं दिल्ली का मौजूदा मुख्यमंत्री हूं। दिवाली के त्योहार के चलते मेरे पास आधिकारिक तौर पर कई काम हैं। जहां मेरा होना जरूरी है। केजरीवाल ने लेटर के आखिर में ED से समन को वापस लेने की मांग की।