पंजाब के लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट को लेकर डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बड़ा खुलासा किया है। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने यह बताया कि लुधियाना ब्लास्ट बहुत शक्तिशाली था और मौके से हमें काफी लीड मिले है। उन्होंने कहा कि मृतक के हाथ पैर हमें टूटे मिले, मौके पर जायजा करने के बाद हमें लगा कि मृतक के विस्फोटक ला रहा था। जांच में हमें पुख्ता हो गया कि ये सही है। उन्होंने कहा कि मृतक(मुख्य डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने 24 घंटो में लुधियाना विस्फोट का मामला सुलझा लिया है। इसके साथ ही डीजीपी ने बताया कि आरोपी कोर्ट के रिकॉर्ड रूम को उड़ाना चाहता था ताकि उसके खिलाफ सभी सुबूत नष्ट हो जाए। उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान ही गगनदीप खालिस्तानियों के संपर्क में आया था। उल्लेखनीय है कि अदालत परिसर में विस्फोट की घटना बृहस्पतिवार को हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि छह अन्य घायल हो गये थे।
पंजाब DGP ने कहा कि 2 साल जेल में रहने के बाद गगनदीप की बेल हुई और उसका ट्रायल चल रहा था। ऐसी उम्मीद है कि जेल में उसका नारकोटिक्स फिर माफिया और फिर ड्रग में ट्रांजिशन हुआ। इसके लिंक पंजाब और विदेश में खालिस्तानी तत्वों, टेरर आउटफिट, माफिया आउटफिट और नारकोटिक्स स्मगलर के साथ मिले हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि कपूरथला में बेअदबी की कोई बात नहीं थी, इसमें 302 का पर्चा दर्ज़ हुआ है और मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है। ऐसा लगता है कि वो व्यक्ति चोरी करने के इरादे से अंदर गया था।
आरोपी) पंजाब पुलिस का निलंबित हेड कांस्टेबल था और एसटीएफ ने 2019 में नारकोटिक ड्रग के लिए उसे गिरफ़्तार किया था।