फरीदाबाद। रंकबन्धु साहित्य अकादमी के तत्वावधान में आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया की 28 वीं पुस्तक मेरी जीवनसंगिनी का लोकार्पण किडज किंग्डम स्कूल सेक्टर-21 सी में कोरोनाकाल में राष्ट्रधर्म का निर्वहन करते हुए अत्यन्त सादगी के साथ सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ सतीश आहूजा, विधायक सीमा त्रिखा, उद्योगपति रमणीक प्रभाकर, समारोह की अध्यक्षता कर रही किड्ज किंग्डम स्कल की डायरेक्टर चित्रा परिहार आदि ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। साहित्यकार सुरेश शर्मा ने सरस्वती वन्दना तथा मास्टर तन्मय भट्ट ने स्वागत गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रामुग्ध कर दिया । मंच का संचालन कर रहे अकादमी के महासचिव अम्बादत्त भट्ट ने अकादमी के कार्यकलापों और गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए पुस्तक को पारिवारिक गीता की संज्ञा दी। अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ मनोज उप्रेती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पुस्तक को प्रेरक और पठनीय बताया और कहा कि नव युगल हेतु यह पुस्तक मार्गदर्शन का काम करेगी। अकादमी के चेयरमेन तथा पुस्तक के लेखक आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया ने सर्वप्रथम पुस्तक की प्रथम प्रति अपनी पत्नी को भेंट की। पुस्तक का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक समस्त नारी समाज के किए एक दिशा सूत्र है। युवा पीढ़ी के लिए प्रोत्साहन है। साहित्यकार डॉ अंजू दुआ जैमिनी ने कहा कि यह पुस्तक पति का अपनी पत्नी के लिए समर्पण भाव है। क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि मेरे लिए यह पहला सुखद अनुभव है। फुलोरिया जी ने अपनी जीवनसंगिनी पर पुस्तक लिखकर समस्त नारी जाति को गौरवान्वित किया है। उद्योगपति रमणीक प्रभाकर ने पुस्तक को समाज के लिए अत्यन्त उपयोगी और चरित्र निर्माण में सहायक बताया।
मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ सतीश आहूजा ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि मैंने पुस्तक का प्रत्येक पृष्ठ ध्यान से पढ़ा है। इसका हर पृष्ठ समाज को एक सीख देता है। नारी का सम्मान कैसे किया जाता है यह पुस्तक स्वयं बयां करती है। साहित्यकार डॉ दुर्गा सिन्हा उदार ने कहा कि यह पुस्तक जीवन बगिया में एक सुन्दर बयार है। पुस्तक की मुख्य पात्र दीपा फुलोरिया ने कहा कि मेरे पति फलोरिया जी ने मुझ अकिंचन में जो कंचन ढूंढने की कोशिश की है, उसके लिए मैं उन्हें साधुवाद देती है।
चित्रा परिहार ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मित्रता दिवस पर फुलोरिया जी ने अपनी पत्नी को अनमोल उपहार भेंट किया है। शिक्षाविद अवानी शर्मा ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए पुस्तक को अभिनन्दनीय कृति बताया। समारोह में समाज सेवी सुबोध नागपाल, अनेक शिक्षाविद और साहित्यकार उपस्थित थे।
आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया की 28वीं पुस्तक ‘मेरी जीवनसंगिनी का हुआ लोकार्पण
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